तन महि मैल नाही मन राता ॥ गुर बचनी सच सबदि पछाता ॥ तेरा ताण नाम की वडिआई ॥ नानक रहणा भगति सरणाई ॥४॥१०॥ जिसका मन प्रभु के अभ्यस्त है, उसके शरीर में कोई प्रदूषण नहीं है; गुरु के शब्द के माध्यम से सच्चे शब्द का एहसास होता है; सभी शक्तियां तुम्हारे नाम के माध्यम से तुम्हारी हैं; नानक अपने भक्तों के अभयारण्य में पालन करता है। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें! |
सरम खंड की बाणी रूपु ॥ तिथै घाड़ति घड़ीऐ बहुतु अनूपु ॥ ता कीआ गला कथीआ ना जाहि ॥ जे को कहै पिछै पछुताइ ॥ तिथै घड़ीऐ सुरति मति मनि बुधि ॥ तिथै घड़ीऐ सुरा सिधा की सुधि ॥३६॥ विनम्रता के दायरे में, शब्द सौंदर्य है; अतुलनीय सौंदर्य के प्रपत्र वहाँ विचारों के हैं; जिसको वर्णित नहीं किया जा सकता; जो इसे वर्णित करना चाहे वो पछतायेगा; मन की सहज चेतना, बुद्धि और समझ वहाँ आकार लेते हैं; आध्यात्मिक योद्धाओं और सिद्ध, की आध्यात्मिक पूर्णता चेतना वहां आकार लेती है। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें! |
सलोकु मरदाना १॥ कलि कलवाली कामु मदु मनूआ पीवणहारु ॥ क्रोध कटोरी मोहि भरी पीलावा अहंकारु ॥ मजलस कूड़े लब की पी पी होइ खुआरु ॥ करणी लाहणि सतु गुड़ु सचु सरा करि सारु ॥ गुण मंडे करि सीलु घिउ सरमु मासु आहारु ॥ गुरमुखि पाईऐ नानका खाधै जाहि बिकार ॥१॥ गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई! |
ੴ सतिगुर प्रसादि॥ नमसकारु गुरदेव को सति नामु जिसु मंत्र सुणाइआ। भवजल विचों कढि कै मुकति पदारथि माहि समाइआ। जनम मरण भउ कटिआ संसा रोगु वियोगु मिटाइआ। संसा इहु संसारु है जनम मरन विचि दुखु सवाइआ। जम दंडु सिरौं न उतरै साकति दुरजन जनमु गवाइआ। चरन गहे गुरदेव दे सति सबदु दे मुकति कराइआ। भाउ भगति गुरपुरबि करि नामु दानु इसनानु द्रिड़ाइआ। जेहा बीउ तेहा फलु पाइआ॥१॥ गुरु नानक देव जी प्रकाश पुरब की बधाई! |
जन को नदरि कर्म तिन कार।। नानक नदरी नदिर निहाल।। गुरु नानक देव जी के गुरुपुरब की आप को बधाई! |
नानक नीच कहे विचार, वारेया ना जावाँ एक वार; जो तुध भावे साईं भली कार, तू सदा सलामत निरंकार। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की आपको बधाई! |
आपकी ज़िंदगी में, मिठास हो Cadbury जैसे; रौनक हो Asian Paints जैसे; महक हो Axe जैसे; ताज़गी हो Colgate जैसे; और टेंशन मुक्त रहे Huggies जैसे; शुभ दिवाली! |
पर्व है पुरुषार्थ का, दीप के दिव्यार्थ का; देहरी पर दीप जगमग एक जलता रहे; अंधकार से निरंतर युद्ध यह चलता रहे; हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा; जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा; झिलमिल रोशनी में निवेदित दिवाली की शुभकामना। |
दीवाली है रौशनी का त्यौहार; लाये हरचेहरे पर यह मुस्कान; सुख और समृधि की हो बहार; मिले आपको अपनों का प्यार। आप को दिवाली की शुभ कामनायें! |
दिवाली के इस शुभ अवसर पर यह दुआ है कि आपके घर माँ लक्ष्मी का वास हो; धन की बेतहाशा बरसात हो; संकटों का पूरा नाश हो; हर दिल पर आपका राज हो; और कामयाबी का सिर पर ताज हो। दिवाली की शुभ कामनायें! |