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  • गुरू गोबिंद गोपाल गुर पूरन नारायणहि॥<br/>
गुरदिआल समरथ गुर गुर नानक पतित उुधारणहि॥<br/><br/>

शब्दार्थ:<br/>
गुरु ही पूर्ण है, जो सबके दिल में बस रहा है;<br/>
वो दयालु है,  सर्व व्यापी है और हमारे पापों को क्षमा करने वाला है।<br/>
गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरपुरब की बधाई!Upload to Facebook
    गुरू गोबिंद गोपाल गुर पूरन नारायणहि॥
    गुरदिआल समरथ गुर गुर नानक पतित उुधारणहि॥

    शब्दार्थ:
    गुरु ही पूर्ण है, जो सबके दिल में बस रहा है;
    वो दयालु है, सर्व व्यापी है और हमारे पापों को क्षमा करने वाला है।
    गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरपुरब की बधाई!
  • छुटि्टयों का मौसम है, क्रिसमस की तैयारी है;<br/>
रौशन हैं सब इमारतें, जैसे जन्नत ज़मीन पर पधारी है;<br/>
कड़ाके की ठंड है और बादल भी थोड़े भारी हैं;<br/>
प्रभु यीशु के आगमन की हो गयी तैयारी है;<br/>
आप सब को क्रिसमस की शुभ कामनाएं!Upload to Facebook
    छुटि्टयों का मौसम है, क्रिसमस की तैयारी है;
    रौशन हैं सब इमारतें, जैसे जन्नत ज़मीन पर पधारी है;
    कड़ाके की ठंड है और बादल भी थोड़े भारी हैं;
    प्रभु यीशु के आगमन की हो गयी तैयारी है;
    आप सब को क्रिसमस की शुभ कामनाएं!
  • क्रिसमस का यह प्यारा त्यौहार;<br/>
जीवन में लाये खुशियाँ अपार;
सांता क्लॉज़ आये आपके द्वार;<br/>
लेकर तोहफे खुशहाली के अपार;<br/>
हमारी भी शुभ कामनायें आप करो स्वीकार।<br/>
क्रिसमस की शुभ कामनायें!Upload to Facebook
    क्रिसमस का यह प्यारा त्यौहार;
    जीवन में लाये खुशियाँ अपार; सांता क्लॉज़ आये आपके द्वार;
    लेकर तोहफे खुशहाली के अपार;
    हमारी भी शुभ कामनायें आप करो स्वीकार।
    क्रिसमस की शुभ कामनायें!
  • जीवन के हर मोड़ पर अभावों में जो पलते रहे;<br/>
सपने जिनकी आंखों में भरने से पहले तिड़कते रहे;<br/>
आओ थोड़ा ध्यान दें तोहफों से भर दें उनके जीवन में रस;<br/>
मनाएं इस बार प्रभु के संदेश को महकाता यह क्रिसमस। <br/>
क्रिसमस की शुभ कामनाएं!Upload to Facebook
    जीवन के हर मोड़ पर अभावों में जो पलते रहे;
    सपने जिनकी आंखों में भरने से पहले तिड़कते रहे;
    आओ थोड़ा ध्यान दें तोहफों से भर दें उनके जीवन में रस;
    मनाएं इस बार प्रभु के संदेश को महकाता यह क्रिसमस।
    क्रिसमस की शुभ कामनाएं!
  • दोस्त वो हो जो...<br/>
जनवरी की धूप हो<br/>
फ़रवरी की बारिश हो<br/>
मार्च की शाम हो<br/>
अप्रैल की बहार हो<br/>
मई की सुबह हो<br/>
जून की छाँव हो<br/>
जुलाई की खुशबु हो<br/>
अगस्त की तारों भरी रात हो<br/>
सितंबर की चाँदनी हो<br/>
अक्टूबर की रिमझिम हो<br/>
नवंबर की हवा हो<br/>
दिसंबर की सर्द रात हो<br/>
साल के 12 महीने साथ हो<br/>
नए साल की शुभ कामनायें!Upload to Facebook
    दोस्त वो हो जो...
    जनवरी की धूप हो
    फ़रवरी की बारिश हो
    मार्च की शाम हो
    अप्रैल की बहार हो
    मई की सुबह हो
    जून की छाँव हो
    जुलाई की खुशबु हो
    अगस्त की तारों भरी रात हो
    सितंबर की चाँदनी हो
    अक्टूबर की रिमझिम हो
    नवंबर की हवा हो
    दिसंबर की सर्द रात हो
    साल के 12 महीने साथ हो
    नए साल की शुभ कामनायें!
  • क्रिसमस का यह प्यारा त्यौहार;<br/>
जीवन में लाये खुशियां अपार;<br/>
लेकर तोहफे आये सांता क्लॉस;<br/>
शुभ कामनायें हमारी करो स्वीकार।<br/>
क्रिसमस की शुभ कामनायें!Upload to Facebook
    क्रिसमस का यह प्यारा त्यौहार;
    जीवन में लाये खुशियां अपार;
    लेकर तोहफे आये सांता क्लॉस;
    शुभ कामनायें हमारी करो स्वीकार।
    क्रिसमस की शुभ कामनायें!
  • हऊ बलिहारी सतगुरु पूरे।।<br/>
सरणि के दाते बचन के सूरे।।<br/>
गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर गुरु जी को श्रद्धांजलि!Upload to Facebook
    हऊ बलिहारी सतगुरु पूरे।।
    सरणि के दाते बचन के सूरे।।
    गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर गुरु जी को श्रद्धांजलि!
  • गुरमुखि धिआवहि सि अम्रित पावहि सेई सूचे होही ॥<br/>
अहिनिसि नाम जपह रे प्राणी मैले हछे होही ॥३॥<br/>
जेही रुति काइआ सुख तेहा तेहो जेही देही ॥<br/>
नानक रुति सुहावी साई बिन नावै रुति केही ॥४॥१॥<br/><br/>

जो गुरमुख ध्यान करते हैं, दिव्य अमृत पाते हैं वो पूरी तरह शुद्ध हो जाते हैं,<br/>
दिन रात प्रभु का नाम जपो तो तुम्हारी आत्मा भी शुद्ध हो जाती है,<br/>
जैसी यह ऋतु है वैसे ही हमारा शरीर अपने आप को ढाल लेता है,<br/>
नानक कह रहे हैं कि जिस ऋतु में प्रभु का नाम नहीं उस ऋतु का कोई महत्व नहीं है।<br/>
गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें!Upload to Facebook
    गुरमुखि धिआवहि सि अम्रित पावहि सेई सूचे होही ॥
    अहिनिसि नाम जपह रे प्राणी मैले हछे होही ॥३॥
    जेही रुति काइआ सुख तेहा तेहो जेही देही ॥
    नानक रुति सुहावी साई बिन नावै रुति केही ॥४॥१॥

    जो गुरमुख ध्यान करते हैं, दिव्य अमृत पाते हैं वो पूरी तरह शुद्ध हो जाते हैं,
    दिन रात प्रभु का नाम जपो तो तुम्हारी आत्मा भी शुद्ध हो जाती है,
    जैसी यह ऋतु है वैसे ही हमारा शरीर अपने आप को ढाल लेता है,
    नानक कह रहे हैं कि जिस ऋतु में प्रभु का नाम नहीं उस ऋतु का कोई महत्व नहीं है।
    गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें!
  • तुधनो सेवहि तुझ किआ देवहि मांगहि लेवहि रहहि नही ॥<br/>
तू दाता जीआ सभना का जीआ अंदरि जीउ तुही ॥२॥<br/><br/>

हे प्रभु जो लोग तुम्हारी सेवा करते हैं वो तुम्हें क्या दे सकते हैं, वो तो खुद तुमसे माँगते हैं;<br/>
तुम सभी आत्माओं के महान दाता हो, सभी जीवित प्राणियों के भीतर जीवन हो।<br/>
गुरु नानक देव जी के आगमन पर्व की शुभ कामनायें!Upload to Facebook
    तुधनो सेवहि तुझ किआ देवहि मांगहि लेवहि रहहि नही ॥
    तू दाता जीआ सभना का जीआ अंदरि जीउ तुही ॥२॥

    हे प्रभु जो लोग तुम्हारी सेवा करते हैं वो तुम्हें क्या दे सकते हैं, वो तो खुद तुमसे माँगते हैं;
    तुम सभी आत्माओं के महान दाता हो, सभी जीवित प्राणियों के भीतर जीवन हो।
    गुरु नानक देव जी के आगमन पर्व की शुभ कामनायें!
  • तन महि मैल नाही मन राता ॥<br/>
गुर बचनी सच सबदि पछाता ॥<br/>
तेरा ताण नाम की वडिआई ॥<br/>
नानक रहणा भगति सरणाई ॥४॥१०॥<br/><br/>

जिसका मन प्रभु के अभ्यस्त है, उसके शरीर में कोई प्रदूषण नहीं है;<br/>
गुरु के शब्द के माध्यम से सच्चे शब्द का एहसास होता है;<br/>
सभी शक्तियां तुम्हारे नाम के माध्यम से तुम्हारी हैं;<br/>
नानक अपने भक्तों के अभयारण्य में पालन करता है।<br/>
गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें!Upload to Facebook
    तन महि मैल नाही मन राता ॥
    गुर बचनी सच सबदि पछाता ॥
    तेरा ताण नाम की वडिआई ॥
    नानक रहणा भगति सरणाई ॥४॥१०॥

    जिसका मन प्रभु के अभ्यस्त है, उसके शरीर में कोई प्रदूषण नहीं है;
    गुरु के शब्द के माध्यम से सच्चे शब्द का एहसास होता है;
    सभी शक्तियां तुम्हारे नाम के माध्यम से तुम्हारी हैं;
    नानक अपने भक्तों के अभयारण्य में पालन करता है।
    गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें!
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