आध्यात्मिक Hindi SMS

  • जब तेरी रहमत पर मेरी नज़र जाती है;<br />
ऐ मेरे मालिक मेरी आँखें भर आती हैं;<br />
तू दे रहा है मुझे इस क़दर कि;<br />
हाथ दुआ में उठने से पहले ही झोली भर जाती है।Upload to Facebook
    जब तेरी रहमत पर मेरी नज़र जाती है;
    ऐ मेरे मालिक मेरी आँखें भर आती हैं;
    तू दे रहा है मुझे इस क़दर कि;
    हाथ दुआ में उठने से पहले ही झोली भर जाती है।
  • किसी ने ईश्वर से कहा, `मैं ज़िन्दगी से घृणा करता हूँ।`<br/>
ईश्वर ने कहा, `तुमसे किसने कहा कि ज़िन्दगी से प्यार करो। तुम तो बस उसे चाहो जो तुम्हें चाहता हो, ज़िन्दगी अपने आप खूबसूरत हो जाएगी।`Upload to Facebook
    किसी ने ईश्वर से कहा, "मैं ज़िन्दगी से घृणा करता हूँ।"
    ईश्वर ने कहा, "तुमसे किसने कहा कि ज़िन्दगी से प्यार करो। तुम तो बस उसे चाहो जो तुम्हें चाहता हो, ज़िन्दगी अपने आप खूबसूरत हो जाएगी।"
  • प्रार्थना और ध्यान इंसान के लिए बहुत ही ज़रूरी है,<br/>
प्रार्थना में भगवान आपकी सुनते हैं और ध्यान में आप भगवान की बात सुनते हैं।Upload to Facebook
    प्रार्थना और ध्यान इंसान के लिए बहुत ही ज़रूरी है,
    प्रार्थना में भगवान आपकी सुनते हैं और ध्यान में आप भगवान की बात सुनते हैं।
  • जीवन में पीछे देखो, अनुभव मिलेगा<br/>
जीवन में आगे देखो तो, आशा मिलेगी<br/>
दायें-बायें देखो तो, सत्य मिलेगा<br/>
स्वंय के अंदर देखो तो परमात्मा और आत्मविश्वास मिलेगा।Upload to Facebook
    जीवन में पीछे देखो, अनुभव मिलेगा
    जीवन में आगे देखो तो, आशा मिलेगी
    दायें-बायें देखो तो, सत्य मिलेगा
    स्वंय के अंदर देखो तो परमात्मा और आत्मविश्वास मिलेगा।
  • मेरे ईश्वर! हज़ारों ऐब हैं मुझमे, नहीं कोई हुनर बेशक;<br/>
मेरी खामी को तू मेरी खूबी को तब्दील कर देना;<br/>
मेरी हस्ती है एक खारे समंदर सी मेरे दाता;<br/>
तू अपनी रहमतों से इसको मीठी झील कर देना।Upload to Facebook
    मेरे ईश्वर! हज़ारों ऐब हैं मुझमे, नहीं कोई हुनर बेशक;
    मेरी खामी को तू मेरी खूबी को तब्दील कर देना;
    मेरी हस्ती है एक खारे समंदर सी मेरे दाता;
    तू अपनी रहमतों से इसको मीठी झील कर देना।
  • ना ऊंच-नीच में रहूँ ना जात पात में रहूँ;<br/>
तू मेरे दिल में रहे मौला और मैं औकात में रहूँ;<br/>
तेरी हर रजा दिल से कबूल हो मुझे;<br/>
शुकराना करता रहूँ तेरा जिस भी हालत में रहूँ।Upload to Facebook
    ना ऊंच-नीच में रहूँ ना जात पात में रहूँ;
    तू मेरे दिल में रहे मौला और मैं औकात में रहूँ;
    तेरी हर रजा दिल से कबूल हो मुझे;
    शुकराना करता रहूँ तेरा जिस भी हालत में रहूँ।
  • आँसू पोंछ कर हँसाया है मुझे;<br/>
मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे;<br/>
ऐसे गुरु पर कैसे प्यार ना हो;<br/>
जिस गुरु ग्रंथ साहिब जी ने जीना सिखाया है मुझे।Upload to Facebook
    आँसू पोंछ कर हँसाया है मुझे;
    मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे;
    ऐसे गुरु पर कैसे प्यार ना हो;
    जिस गुरु ग्रंथ साहिब जी ने जीना सिखाया है मुझे।
  • सुख भी बहुत हैं, परेशानियां भी बहुत हैं,<br/>

ज़िन्दगी में लाभ हैं, तो हानियां भी बहुत हैं,<br/>

क्या हुआ जो प्रभु ने हमें थोड़े गम दे दिए,<br/>

उस की हम पर मेहरबानियाँ भी बहुत हैं।Upload to Facebook
    सुख भी बहुत हैं, परेशानियां भी बहुत हैं,
    ज़िन्दगी में लाभ हैं, तो हानियां भी बहुत हैं,
    क्या हुआ जो प्रभु ने हमें थोड़े गम दे दिए,
    उस की हम पर मेहरबानियाँ भी बहुत हैं।
  • इंसान जीवन में रिश्ते नातों को निभाता चला गया;<br/>
जीवन की इस दौड़ में खुद को भुलाता चला गया;<br/>
बंदगी भी ना कर पाया उस खुदा की रहमतों की;<br/>
खाली हाथ आया था और मुठी बंद कर चला गया।Upload to Facebook
    इंसान जीवन में रिश्ते नातों को निभाता चला गया;
    जीवन की इस दौड़ में खुद को भुलाता चला गया;
    बंदगी भी ना कर पाया उस खुदा की रहमतों की;
    खाली हाथ आया था और मुठी बंद कर चला गया।
  • हिम्मत ना हारिये, उस मालिक को न बिसारिये;<br/>
मुश्किलों और कठिनाइयों का अगर करना है खात्मा;<br/>
तो हर वक़्त कहते रहो तेरा शुक्र है परमात्मा, तेरा शुक्र है परमात्मा।Upload to Facebook
    हिम्मत ना हारिये, उस मालिक को न बिसारिये;
    मुश्किलों और कठिनाइयों का अगर करना है खात्मा;
    तो हर वक़्त कहते रहो तेरा शुक्र है परमात्मा, तेरा शुक्र है परमात्मा।
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