लॉकडाउन में एक बात जो मुझे पता चली है वो ये है कि... . . . . . . . कपडे में जीन्स और बर्तन में कुकर धोना सबसे कठिन काम है! |
मेरे साबुन का नाम आज से Dovetoorlux है! मैंने Dove, Santoor और Lux के बचे हुए टुकड़ों को चिपका लिया है! |
बचपन में बस 2-3 बार विद्या रानी की झूठी कसम खा ली थी! इसीलिए बस थोड़ा पीछे रह गया नहीं तो UPSC तो मैं भी क्लियर कर लेता! |
मच्छर जैसी ज़िन्दगी हो गयी है! जहाँ जाओ लोग पहले स्प्रे मारते हैं! |
बहुत ज़रूरी हो तो ही घर से निकलें! जैसे दारु लेने! |
गुज़र रही है ज़िन्दगी ऐसे मुकाम से; अपने भी पराए लगने लगे हैं, सर्दी-जुकाम से! |
बहुत कोशिश करके 'क्वारंटाइन' और 'हैड्रोक्लोरोक्विन' बोलना सीखना था! अब 'रेमडीसीवीर' नया आ गया! |
पहले हम छुट्टियों के मज़े लेते थे! अब छुट्टियां हमारे मज़े ले रहीं हैं! |
बेचारी लड़कियाँ किसी के घर रिश्तेदारी में भी जाएं तो बस एक ही दिन मेहमान नवाज़ी होती है! दूसरे दिन वो लोग भी बर्तन मंजवा लेते हैं! |
पहले कोई छींकता था तो आदमी रुक जाता था कि कहीं मेरा काम ना सिमट जाये! अब कोई छींकता है तो रुके हुए 10 आदमी भी चल देते हैं, कहीं मेरा काम ना निपट जाये! |