गुदगुदी Hindi SMS

  • समय का भरोसा नहीं, कल तक जिस गर्म पानी में हम नींबू निचोड़कर हाथ धोया करते थे आज सुबह शाम पी रहे हैं!<br/>
और शाम को बैठकर जो पिया करते थे, उससे दिन रात हाथ धो रहे हैं!Upload to Facebook
    समय का भरोसा नहीं, कल तक जिस गर्म पानी में हम नींबू निचोड़कर हाथ धोया करते थे आज सुबह शाम पी रहे हैं!
    और शाम को बैठकर जो पिया करते थे, उससे दिन रात हाथ धो रहे हैं!
  • आज का ज्ञान:<br/>
साबुन कितना भी महंगा क्यों ना हो,<br/>
आखिर में बचा हुआ टुकड़ा हाथ धोने के ही काम आता है!Upload to Facebook
    आज का ज्ञान:
    साबुन कितना भी महंगा क्यों ना हो,
    आखिर में बचा हुआ टुकड़ा हाथ धोने के ही काम आता है!
  • आज का ज्ञान:<br/>
गर्मियों में और कुछ आये न आये लेकिन दोपहर में खाना खाने के बाद नींद बहुत शानदार आती है!Upload to Facebook
    आज का ज्ञान:
    गर्मियों में और कुछ आये न आये लेकिन दोपहर में खाना खाने के बाद नींद बहुत शानदार आती है!
  • लॉकडाउन में एक बात जो मुझे पता चली है वो ये है कि...<br/>
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कपडे में जीन्स और बर्तन में कुकर धोना सबसे कठिन काम है!Upload to Facebook
    लॉकडाउन में एक बात जो मुझे पता चली है वो ये है कि...
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    कपडे में जीन्स और बर्तन में कुकर धोना सबसे कठिन काम है!
  • मेरे साबुन का नाम आज से Dovetoorlux है!<br/>
मैंने Dove, Santoor और Lux के बचे हुए टुकड़ों को चिपका लिया है!Upload to Facebook
    मेरे साबुन का नाम आज से Dovetoorlux है!
    मैंने Dove, Santoor और Lux के बचे हुए टुकड़ों को चिपका लिया है!
  • बचपन में बस 2-3 बार विद्या रानी की झूठी कसम खा ली थी!<br/>
इसीलिए बस थोड़ा पीछे रह गया नहीं तो UPSC तो मैं भी क्लियर कर लेता!Upload to Facebook
    बचपन में बस 2-3 बार विद्या रानी की झूठी कसम खा ली थी!
    इसीलिए बस थोड़ा पीछे रह गया नहीं तो UPSC तो मैं भी क्लियर कर लेता!
  • मच्छर जैसी ज़िन्दगी हो गयी है!<br/>
जहाँ जाओ लोग पहले स्प्रे मारते हैं!Upload to Facebook
    मच्छर जैसी ज़िन्दगी हो गयी है!
    जहाँ जाओ लोग पहले स्प्रे मारते हैं!
  • बहुत ज़रूरी हो तो ही घर से निकलें!<br/>
जैसे दारु लेने!Upload to Facebook
    बहुत ज़रूरी हो तो ही घर से निकलें!
    जैसे दारु लेने!
  • गुज़र रही है ज़िन्दगी ऐसे मुकाम से;<br/>
अपने भी पराए लगने लगे हैं, सर्दी-जुकाम से!Upload to Facebook
    गुज़र रही है ज़िन्दगी ऐसे मुकाम से;
    अपने भी पराए लगने लगे हैं, सर्दी-जुकाम से!
  • बहुत कोशिश करके 'क्वारंटाइन' और 'हैड्रोक्लोरोक्विन' बोलना सीखना था!<br/>
अब 'रेमडीसीवीर' नया आ गया!Upload to Facebook
    बहुत कोशिश करके 'क्वारंटाइन' और 'हैड्रोक्लोरोक्विन' बोलना सीखना था!
    अब 'रेमडीसीवीर' नया आ गया!
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