दिल से कभी तूने पुकारा ही नहीं; चाह कर भी दूर कभी हुआ नहीं; वक़्त की बेड़ियों ने किया कमज़ोर सही; ज़िंदगी का सही मतलब समझा ही नहीं। |
मौत मिलती है न ज़िंदगी मिलती है; ज़िंदगी की राहों में बेबसी मिलती है; रुला देते हैं क्यों मेरे अपने; जब भी मुझे कोई ख़ुशी मिलती है। |
तेरे ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ; ज़िंदगी तेरी चाहत में सवार लूँ; मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह; तमाम उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़र लूँ। |
ज़िंदगी में कभी उदास मत होना; कभी किसी बात पर निराश मत होना; ज़िंदगी संघर्ष है, चलती ही रहेगी; कभी अपने जीने का अंदाज़ मत बदलना। |
सपना ऐसा देखो कि आसमान तक जा सको; दुआ ऐसी करो कि खुदा को पा सको; यूँ तो ज़िंदगी जीने में बहुत कम पल हैं; पर जियो तो ऐसे कि हर पल में ज़िंदगी पा सको। |
ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है, वक़्त को मरहम बनाना सीख लो; हारना तो है ही मौत के हाथों एक दिन, फिलहाल ज़िंदगी को जीना सीख लो। |
ज़िंदगी जाने कितने मोड़ लेती है; हर मोड़ पर नए सवाल देती है; तलाशते रहते हैं हम जवाब ज़िंदगी भर; और जब जवाब मिल जाये तो ज़िंदगी सवाल बदल देती है। |
जिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के है। तू गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती है; जिसमें अमीरों को नींद नहीं आती। |
जाने कौन सा तराना है ये ज़िन्दगी; बिना बात का फ़साना है ये ज़िन्दगी; एक अरस गुज़र गया पत्तों के साथ गिरे हुए; पर आज भी उम्मीद का खज़ाना है ज़िन्दगी! |
ना किसी के 'आभाव' में जियो, ना किसी के 'प्रभाव' में जियो; ये जिंदगी आपकी है, बस इसे अपने मस्त 'स्वाभाव' में जियो। |