आँखों के सागर में ये जलन है कैसी; आज दिल को तड़पने की लगन है कैसी; बर्फ की तरह पिघल जाएगी जिंदगी; ये तेरी दूर रहने की कसम है कैसी। |
सभी नगमे साज़ में गाए नहीं जाते; सभी लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते; कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते; कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते। |
कुछ पल की ख़ुशी आपके साथ में थी; ऐसी कोई लकीर हमारे हाथ में होती; दूर रहकर भी आपको याद करते हैं हम; शायद कोई बहुत प्यारी सी बात हमारी मुलाक़ात में थी। |
तुम पास हो तो तुझपे प्यार आता है; तुम दूर हो तो तेरा इंतज़ार सताता है; क्या कहें इस दिल की हालत; तुझसे दूर होकर दिल बेक़रार हो जाता है। |
दूरियां ही सही पर देरी तो नहीं; इंतज़ार भला पर जुदाई तो नहीं; मिलना बिछड़ना तो किस्मत है अपनी; आखिर इंसान हैं हम फ़रिश्ते तो नहीं। |
ढलती शाम का खुला एहसास है; मेरे दिल में तेरी जगह कुछ ख़ास है; तुम दूर हो, ये मालूम है मुझे; पर दिल कहता है तू यहीं मेरे आस-पास है। |
बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो; आँखों से दूर मगर दिल के पास रहते हो; मुझे बस इतना बता दो क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो! |
गलतियों से जुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं; दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं; गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां; वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं था, मैं भी नहीं! |
रिश्तों में दूरियां तो आती रहती हैं; फिर भी दूरियां दिलों को मिला देती हैं; वो रिश्ता ही क्या जिसमें नाराज़गी ना हो; पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना लेती है। |
भीगी पलकों के संग मुस्कुराते हैं हम; पल-पल दिल को बहलाते हैं हम; आप दूर हैं हमसे तो क्या हुआ; हर सांस में आपकी आहट पाते हैं हम। |