क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है; एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है; लगने लगते हैं अपने भी पराये; और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है। |
तेरे नाम को होंटो पर सजाया है मैंने; तेरे रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने; दुनिया तुम्हें ढूढ़ते-ढूढ़ते हो जायेगी पागल; दिल के ऐसे कोने में छुपाया है मैंने। |
राह ताकते हैं हम उनके इंतज़ार में; साँसे भरते हैं उनके एक दीदार में; रात न कटती है न होता है सवेरा; जबसे दिल के हर कोने में हुआ है आपका बसेरा। |
चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे; अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे; हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के; हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे। |
तेरी मोहब्बत को तो पलकों पर सजायेंगे; मर कर भी हर रस्म हम निभायेंगे; देने को तो कुछ भी नहीं है मेरे पास; मगर तेरी ख़ुशी मांगने हम खुदा तक भी जायेंगे। |
मुझे इस बात का गम नहीं कि बदल गया ज़माना; मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो, कहीं तुम ना बदल जाना! |
प्यार किया तो उनकी मोहब्बत नज़र आई; दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आई; दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आई; दिल तो उनका धड़का पर आवाज़ इस दिल की आई! |
तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी; वहीँ से शुरू होती है जिंदगी हमारी; नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर; पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी! |
ये जो सिलसिला चल पड़ा है, जहां में रिश्वतों का; तुम भी कुछ ले दे कर मेरे क्यों नहीं हो जाते! |
अँखियाँ दे कोलो सदा रह सजना; असी लाख वॉर तक के वी नहीं रजना; मुखड़ा ना मोड़ी साड्डा जोर कोई ना; कदे झड के ना जावीं साडा होर कोई ना! |