कितना प्यार करते हैं हम उनसे; काश उन्हें भी यह एहसास हो जाए; कहीं ऐसा ना हो कि होश में तब आए; जब हम किसी और के हो जाएँ! |
सिर्फ सितारों में होती मोहब्बत अगर; इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता; बस पत्थर बनकर रह जाता ताज महल; अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान ना देता। |
चाहत तेरी पहचान है मेरी; मोहब्बत तेरी शान है मेरी; हो के जुदा तुझसे क्या रह पाउँगा; तू तो आखिर जान है मेरी। |
तुम, तब तक प्यार से प्यार मत करो; कि प्यार तुम से प्यार ना करे; प्यार को इतना प्यार करो; कि प्यार किसी और से प्यार ना करे। |
जवानी को ज़िंदगी का निखार कहते हैं; पतझड़ को चमन का मजधार कहते हैं; अजीब चलन है दुनिया का यारो; एक धोखा है जिसे हम सब प्यार कहते हैं। |
एक वादा किया था एक वादा निभाने के लिए; एक दिल दिया था एक दिल पाने के लिए; उसने मोहब्बत सिखा दी और कहा; मैंने तो प्यार किया था तुम्हें आज़माने के लिए। |
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते हैं; झुकी निगाहों को इक़रार कहते हैं; सिर्फ पाने का नाम इश्क़ नहीं; कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं। |
प्यार करने का हुनर हमें नहीं आता; इसलिए प्यार की बाज़ी हम हार गये; हमारी ज़िंदगी से उन्हें बहुत प्यार था; शायद इसलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए। |
चाह कर भी उसे अपना ना बना सके; इश्क़ करके भी उन्हें ये जता ना सके; दिल था हमारा कोई कागज़ का टुकड़ा नहीं; इसलिए चीर कर कभी दिखा न सके। |
रूठ जाओ कितना भी मना लेंगे; दूर जाओ कितना भी बुला लेंगे; दिल आखिर दिल है सागर की रेत तो नहीं; कि नाम लिखकर उससे मिटा देंगे। |