मौसम Adult and Non veg Restricted Hindi Shayari

  • फिर पलट रही हैं सर्दी की सुहानी शामें,<br/>
फिर उनकी याद में मुठ मारनें के ज़माने आ गये!Upload to Facebook
    फिर पलट रही हैं सर्दी की सुहानी शामें,
    फिर उनकी याद में मुठ मारनें के ज़माने आ गये!
  • सर्दियों के लिए विशेष:<br/>
चूत मारने का मज़ा भी तभी आता है ग़ालिब,<br/>
जब, मौसम हो जाड़े का और भोसड़ा हो भाड़े का।Upload to Facebook
    सर्दियों के लिए विशेष:
    चूत मारने का मज़ा भी तभी आता है ग़ालिब,
    जब, मौसम हो जाड़े का और भोसड़ा हो भाड़े का।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Top Authors