कैसा ये इश्क़, मोहब्बत और प्यार है; कहीं तड़प रहा है लंड और कहीं चूत बेक़रार है! |
महसूस करनी थी तेरे दिल कि धड़कन ऐ ज़ालिम; यही वजह थी तेरे ब्लाउज में हाथ डालने की! |
हर पैंटी में एक राज़ होता है, हर ब्रा के खुलने का एक अंदाज़ होता है, जब तक ना लगे लंड की कोई ठोकर, हर लड़की को अपनी चूत पर नाज़ होता है! |
थोड़ा हवस भी लाजमी है इश्क़ में साहब; वरना शुद्ध इश्क को वो मर्दाना कमजोरी समझेगी! |
इश्क मोहब्बत क्या है मुझे नहीं मालूम, बस उसकी याद आती है और खडा हो जाता है! |
उसे कभी गलत ना कहना ऐ दोस्तों, वो बेवफा जरूर थी पर देती रोज थी! |
तेरी कमर के नीचे का जो हिस्सा है; उसी का तो सारा किस्सा है! |
वो बोली, "नकाब में भी पहचान लेते हो हज़ारों में हमें खड़े-खड़े!" हमने मुस्कुरा के कहा, "आपके हैं ही इतने बड़े-बड़े!" |
अर्ज़ किया है: खुदा बचाये हमें इन हसीनों से, खुदा बचाये हमें इन हसीनो से, लेकिन इन हसीनों को कौन बचाये, हम जैसे कमीनो से। |
अपने उसूल मुझे कल यूँ भी तोड़ने पड़े; बात चूत की थी इसलिए मुझे हाथ जोड़ने पड़े! |