धर्म लोगों का अफ़ीम है। |
अमीर गरीब के लिए कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उनके ऊपर से हट नहीं सकते| |
ज़रुरत तब तक अंधी होती है जब तक उसे होश न आ जाये, आज़ादी ज़रुरत की चेतना होती है| |
सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है| |
किसी के गुणों की प्रशंसा करने में अपना समय व्यर्थ नष्ट न करो, उसके गुणों को अपनाने का प्रयत्न करो। |
पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है। |
इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तर , दुसरे एक मज़ाक की तरह। |
इतिहास खुद को दोहराता है। पहले एक त्रासदी की तरह फिर एक मज़ाक की तरह। |
किसी समाज की प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है। |
सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है। |