मैंने फ़रिश्ते को संगमरमर में देखा और तब तक नक्काशी करता रहा जब तक कि मैंने उसे आज़ाद नहीं कर दिया। |
प्रतिभा अनंत धैर्य है। |
अगर लोगों को यह पता चल जाता कि इस कुशलता को प्राप्त करने में मुझे कितनी मेहनत करनी पड़ी है तो उन्हें मेरा काम बिलकुल भी आशचर्यजनक न लगता। |
व्यक्ति अपने दिमाग से पेंट करता है अपने हाथों से नहीं! |