कष्ट सहने से ही हमें बुद्धि - विवेक की प्राप्ति होती है। |
कष्ट सहने से ही हमें बुद्धि - विवेक की प्राप्ति होती है। |
कष्ट सहने के फलस्वरूप ही हमें बुद्धि तथा विवेक की प्राप्ति होती है। |
वह व्यक्ति महान है, जो शांतचित्त होकर धैर्यपूर्वक कार्य करता है। |
कष्ट सहने के फलस्वरूप ही हमें बुद्धि - विवेक की प्राप्ति होती है। |
व्यवसाय पर आधारित दोस्ती, दोस्ती पे आधारित व्यवसाय से बेहतर है। |
दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य, कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता। |