Vedavyaas Hindi Quotes

  • प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। अपात्र को धन देना और सुपात्र को धन न देना।
    ~ Vedavyaas
  • न कोई किसी का मित्र है और न कोई किसी का शत्रु। स्वार्थ से ही मित्र और शत्रु एक-दूसरे से बंधे हुए है।Upload to Facebook
    न कोई किसी का मित्र है और न कोई किसी का शत्रु। स्वार्थ से ही मित्र और शत्रु एक-दूसरे से बंधे हुए है।
    ~ Vedavyaas
  • ​प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। अपात्र को धन देना और सुपात्र को धन न देना।
    ~ Vedavyaas
  • ​उन्नति की क्षमता रखने वालों पर ही समय-समय पर आपत्ति आती है​।Upload to Facebook
    ​उन्नति की क्षमता रखने वालों पर ही समय-समय पर आपत्ति आती है​।
    ~ Vedavyaas
  • तरक्की की क्षमता रखने वालों पर ही समय-समय पर आपत्ति आती है।Upload to Facebook
    तरक्की की क्षमता रखने वालों पर ही समय-समय पर आपत्ति आती है।
    ~ Vedavyaas