कुछ लोग खाने के इतने शौक़ीन होते हैं कि, वो दूसरों की खुशियाँ भी खा जाते हैं। |
बचपन की जिद्द समझौते में बदल जाती है, उम्र बदलने के साथ। |
आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है, बिल्लियाँ तो बेचारी बेरोज़गार बैठी हैं। |
"शेरों" की तरह जीते थे जब तक कमाते नहीं थे। जब कमाना शुरू किया ज़िंदगी "शेरू" की तरह हो गई। |
बचपन के वो दिन भी क्या खूब थे; ना दोस्ती का मतलब पता था, ना मतलब की दोस्ती थी। |
अनुपम खेर PM बन कर घूम रहे हैं, PM विदेश मंत्री बन कर घूम रहे है, वकील मारपीट कर रहे है और विधायक जज बनकर फैसले सुना रहे हैं। |
आज कल लोग भगवान से कम और CCTV कैमरे से ज्यादा डरते हैं। |
भारत में राजनीती के हिसाब से मौतें दो प्रकार की होती हैं। एक दलित - दूसरी मुस्लिम और बाकी सब लावारिस की श्रेणी में आते हैं। |
यहाँ तू हिन्दू और मुसलमाँ के, फ़र्क में मर जाता है। वहाँ कोई हम दोनों की ख़ातिर' 'बर्फ़' में मर जाता है। |
वो बोली मुझे iphone 6 दिला दो, उस बेचारी को क्या पता कि... . . . . . . . . . मैं खुद नोकिया की बैटरी में कागज फंसा कर दिन काट रहा हूँ। |