शहर में इतने स्कूल हो गए हैं कि ऑफिस के लिए साला कोई भी शर्ट खरीदो किसी ना किसी स्कूल यूनिफार्म से मैच हो ही जाते हैं। |
बस एक बात का मतलब मुझे आज तक समझ नही आया, "जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं, वो लडते लडते अमीर कैसे बन जाते हैं?" |
मुझे इतना भी मत घुमा ए ज़िंदगी, मैं शहर का शायर हूँ, MRF का टायर नहीं। |
जब से परीक्षा वाली ज़िंदगी पूरी हुई है; तब से ज़िंदगी की परीक्षा शुरू हो गई है। |
सदमें से मर गया उसी वक़्त एक मरीज़ जब डॉक्टर ने कहा कि... . . . . . . . . दाल का पानी पिया करो। |
पीढ़ी का अंतर क्या है? पहले बाप 20 रुपये बचाने के लिए 20 मिनट पैदल चलता था और अब बेटा 20 मिनट बचाने के लिए 20 रुपये खर्च कर देता है। हैरानी की बात यह है कि दोनों ही सही हैं। |
खिचड़ी एक ऐसी डिश है जो लोगो के घर में कम और दिमाग में ज्यादा पकती है। |
रुपया गिरा इस बात की परेशानी नहीं है, लेकिन जिनके पास रुपया है और वो लगातार गिरते जा रहे है ये बड़ी परेशानी है! |
दुनिया में हर काम मुहूर्त से होता है, सिर्फ 2 काम ही बिना मुहूर्त के होते हैं; 'दुनिया में आना और दुनिया से चले जाना' और यह दोनों काम 100% सफल होते हैं। |
सुना है कि 'औरंगजेब मार्ग' को बदलकर 'कलाम मार्ग' कर दिया गया है। पर मुझे कोई ये तो बताये कि 'कलाम के मार्ग' पर चलेगा कौन? 'औरंगजेब मार्ग' पर चलने वाले तो काफी लोग थे। |