गीता में पढ़ा था: शरीर मर जाता है परन्तु आत्मा जीवित रहती है लेकिन आज के समय में देख रहा हूँ कि शरीर तो जीवित हैं परन्तु आत्मायें मर चुकी हैं। |
कड़वा सत्य माता - पिता की 'नसीहत' को लोग अक्सर भूल जाते हैं; मगर उनकी 'वसीयत' को लोग हरगिज़ नहीं भूलते। |
किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में, पहले से बेहतर दिखने लगा है। |
बचपन में माँ कहती है - तुझे कुछ समझ नहीं आता। जवानी में बीवी कहती है - आपको कुछ समझ नहीं आता। बुढ़ापे में बच्चे कहते हैं - आपको कुछ समझ नहीं आता। साला समझने की कौन सी उम्र है बस ये ही समझ नहीं आता। |
इलायची के दानों सा है मुकद्दर अपना; महक उतनी बिखरी पीसे गए जितना। |
ना खुशी खरीद पाता हूँ, ना ही गम बेच पाता हूँ, फिर भी मैं ना जाने क्यों हर रोज कमाने जाता हूँ। |
क्या विडंबना है: एक चाय वाला टेक्नोलॉजी / भविष्य / बिजनेस की बातें करके Digital India लांच कर रहा है; और दूसरी तरफ एक IITian सुबह से शाम रायता फैला रहा है। |
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक जिनसे 'Hi' से ज़्यादा बात ही नही होती; और दूसरे जो 'Bye' कह कर भी जान नही छोड़ते। |
थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी; मुनासिब होगा तू अब मेरा हिसाब कर दे। |
अपने देश में लोग 1000 का नोट और एक्स-रे की रिपोर्ट के बारे चाहे जानते कुछ भी न हो लेकिन हाथ में आते ही ऊँचा करके देखते जरूर हैं। |