अन्य Hindi SMS

  • आज तक एक बात समझ नहीं आई कि
    जब रिश्तेदारों से चाय के लिए पूछो तो बस "आधा कप" ही क्यों बोलते हैं?
  • जब कागज़ पर लिखा मैंने `माँ` का नाम,<br />
कलम अदब से बोल उठी हो गए `चारों धाम`।Upload to Facebook
    जब कागज़ पर लिखा मैंने "माँ" का नाम,
    कलम अदब से बोल उठी हो गए "चारों धाम"।
  • माटी का एक नाग बनाके पुजे लोग लुगाया,<br />
ज़िंदा नाग जब घर से निकले ले लाठी धमकाया;<br />
ज़िंदा बाप कोई ना पुजे मरै बाद पुजवाया,<br />
मुट्ठी भर चावल लेके कौवे को बाप बनाया।<br />
~ संत कबीरUpload to Facebook
    माटी का एक नाग बनाके पुजे लोग लुगाया,
    ज़िंदा नाग जब घर से निकले ले लाठी धमकाया;
    ज़िंदा बाप कोई ना पुजे मरै बाद पुजवाया,
    मुट्ठी भर चावल लेके कौवे को बाप बनाया।
    ~ संत कबीर
  • दुनिया में सिर्फ 2 ही लोग हैं जिन्हें आपकी फ़िक्र है
    एक तो आपकी माँ...
    और दूसरे वो लोग जो चलते-चलते यह बताते हैं कि "Bike" का साइड स्टैंड खुला हुआ है।
  • घमंडी लोग पर्चे के मुश्किल सवालों से होते हैं,
    अंत में "छूट" ही जाते हैं।
  • आपको अंदाजा भी नहीं है कि मेरी मोहब्बत कितनी रंगीन थी।
    प्यार की पोल खुलते ही मेरे पापा ने मेरे गाल लाल कर दिए थे और उसके पापा ने उसके हाथ पीले।
  • शराबी आशिक का दर्द:<br />
आज बरसो पुरानी मोहब्बत बाज़ार में दिखी,<br />
फर्क सिर्फ इतना था उसका 'Figure' ख़राब था और मेरा 'Liver'।Upload to Facebook
    शराबी आशिक का दर्द:
    आज बरसो पुरानी मोहब्बत बाज़ार में दिखी,
    फर्क सिर्फ इतना था उसका 'Figure' ख़राब था और मेरा 'Liver'।
  • किसी रेस्टोरेंट के Menu के बायीं ओर देखने की एक्टिंग करते हुए दांयी ओर लिखे सबसे सस्ते आइटम को आर्डर करने की कला को जानने वाले व्यक्ति को इंजीनियर कहते हैं।Upload to Facebook
    किसी रेस्टोरेंट के Menu के बायीं ओर देखने की एक्टिंग करते हुए दांयी ओर लिखे सबसे सस्ते आइटम को आर्डर करने की कला को जानने वाले व्यक्ति को इंजीनियर कहते हैं।
  • तक़दीर बदल जाती है जब ज़िन्दगी का हो कोई मक़सद;<br />
वरना उम्र कट जाती है तक़दीर को इलज़ाम देते देते।Upload to Facebook
    तक़दीर बदल जाती है जब ज़िन्दगी का हो कोई मक़सद;
    वरना उम्र कट जाती है तक़दीर को इलज़ाम देते देते।
  • जिस देश में पब्लिक शौचालय का लोटा भी जंजीर से बांधना पड़ता है और करोड़ों का रोज लेन - देन करने वाली बैंक में 2 रूपये के पेन को भी रस्सी बांधनी पड़ती हो उस देश का भ्रष्टाचार मुक्त होना भी सिर्फ एक सपना ही लगता है।Upload to Facebook
    जिस देश में पब्लिक शौचालय का लोटा भी जंजीर से बांधना पड़ता है और करोड़ों का रोज लेन - देन करने वाली बैंक में 2 रूपये के पेन को भी रस्सी बांधनी पड़ती हो उस देश का भ्रष्टाचार मुक्त होना भी सिर्फ एक सपना ही लगता है।
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