ज़मीन पर तू फैसले कितने ही क्यों न बदल दे रूपयों की ताक़त से; पर याद रहे कि ख़ुदा के घर कर्मों की दौलत वाला ही अमीर होता है। |
दिन भर एक दूसरे से कॉलोनी भर कर लोगों की चुगली करने के बाद एक आदर्श भारतीय आंटी यह कहकर बात खत्म करती है कि 'छोड़ो हमें क्या लेना देना'। |
पहचान कहाँ हो पाती है अब इंसानों की; अब तो गाडी, कपडे और जूते लोगों की औकात तय करते हैं। |
पत्नी: अजी सुनते ही, यह मिर्ची किस मौसम में लगती है? पति: कोई ख़ास मौसम नहीं है, जब सच बात बोलो तब लग जाती है। |
टेक्नोलॉजी के जमाने में सब कुछ बदला है। पहले जो "कट्टी" हुआ करती थी अब उसे "Block" के नाम से जाना जाता है। |
कितनी अजीब दुनिया हैं, जहाँ औरतें 'दूसरी औरतों' की शिकायते करते नहीं थकती; जबकि पुरूष 'दूसरी औरतों' की तारीफ करते नहीं थकते। पुरुष सच में महान हैं। |
आज का ज्ञान: लड़की के नखरे और एक इंजिनियर के इम्तिहान कभी ख़त्म नही होते। |
भगवान से हर वक़्त शिकायत रखने वालो, भगवान ने तुम्हारा पेट भरने की जिम्मेदारी ली है... तुम्हारी पेटी भरने की नहीं। |
समोसे वाले ने भी अब दो समोसे के 30/- रु के कर दिय़े। रेट बढाने का कारण पूछा तो बोला, "20 तो उसका रेट है और 10 की सब्सिडी आपके बैंक खाते में जमा होगी। |
फेसबुक पर लङकियों द्वारा खुद अपनी 'Selfie' पोस्ट कर खुद ही उसे 'like' करना और पहला 'comment' भी खुद करना "Women Empowerment" का सबसे बड़ा उदाहरण है। |