जुदाई Hindi SMS

  • तमन्ना से नहीं तनहाई से डरते हैं;
    प्यार से नहीं रुसवाई से डरते हैं;
    मिलने की तो बहुत चाहत है;
    पर मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं।
  • कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा; <br/>
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा; <br/>
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है; <br/>
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
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    कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा;
    कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा;
    मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है;
    मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
  • हर ख़ुशी गम का ऐलान है; <br/>
हर मुलाक़ात जुदाई का ऐलान है; <br/>
ना रखा किसी से उम्मीद; <br/>
हर उम्मीद दिल टूटने का फरमान है।
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    हर ख़ुशी गम का ऐलान है;
    हर मुलाक़ात जुदाई का ऐलान है;
    ना रखा किसी से उम्मीद;
    हर उम्मीद दिल टूटने का फरमान है।
  • जलते हुए दिल को और मत जलाना;<br />
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना;<br />
आपकी जुदाई में हम पहले ही मर चुके हैं;<br/>
मरे हुए इंसान को और मत मारना।
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    जलते हुए दिल को और मत जलाना;
    रोती हुई आँखों को और मत रुलाना;
    आपकी जुदाई में हम पहले ही मर चुके हैं;
    मरे हुए इंसान को और मत मारना।
  • मुझे उसके पहलु में आशियाना ना मिला;<br />
उसकी जुल्फों की छाओं में ठिकाना ना मिला;<br />
कह दिया उसने मुझको बेवफ़ा;<br />
जब मुझको छोड़ने का उसे कोई बहाना ना मिला।Upload to Facebook
    मुझे उसके पहलु में आशियाना ना मिला;
    उसकी जुल्फों की छाओं में ठिकाना ना मिला;
    कह दिया उसने मुझको बेवफ़ा;
    जब मुझको छोड़ने का उसे कोई बहाना ना मिला।
  • अर्ज़ किया है:
    इतना कमजोर हो गए तेरी जुदाई में;
    इतना कमजोर हो गए तेरी जुदाई में;
    कि अब तो चींटी भी खींच ले जाती है चारपाई से।
  • बेताब तमन्नाओं की कसक रहने दो;<br />
मंजिल को पाने की कसक रहने दो;<br />
आप चाहे रहो नजर से दूर;<br />
पर मेरी आँखों में एक झलक रहने दो।Upload to Facebook
    बेताब तमन्नाओं की कसक रहने दो;
    मंजिल को पाने की कसक रहने दो;
    आप चाहे रहो नजर से दूर;
    पर मेरी आँखों में एक झलक रहने दो।
  • बता मुझे ये तेरी तनहाई कैसी है;<br />
समझकर प्यार सारा फिर भी रुसवाई कैसी है;<br />
हमें और भी मजबूर कर दिया है तूने;<br />
तू बता तो सही ये तेरी तनहाई कैसी है?Upload to Facebook
    बता मुझे ये तेरी तनहाई कैसी है;
    समझकर प्यार सारा फिर भी रुसवाई कैसी है;
    हमें और भी मजबूर कर दिया है तूने;
    तू बता तो सही ये तेरी तनहाई कैसी है?
  • तुम ना समझोगे इस तन्हाई के मायने;<br />
पूछना है तो शाख से टूटे पत्ते से पूछो क्या है जुदाई;<br />
यूँ ना कह दो बेवफा हमें;<br />
यह पूछो कि किस वक़्त तेरी याद नहीं आई।Upload to Facebook
    तुम ना समझोगे इस तन्हाई के मायने;
    पूछना है तो शाख से टूटे पत्ते से पूछो क्या है जुदाई;
    यूँ ना कह दो बेवफा हमें;
    यह पूछो कि किस वक़्त तेरी याद नहीं आई।
  • ज़माना बन जाए कागज़ का;
    और समंदर हो जाए स्याही का;
    फिर भी कलम लिख नहीं सकती;
    दर्द तेरी जुदाई का।
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