सोचता हूँ कि अपने सारे अरमान भेज दूँ; दुआओं में अपनी तुम्हारा नाम भेज दूँ; दिन खिला और दिल को तुम याद आये; तो सोचा कि प्यारा सा सलाम भेज दूँ। |
एक वफ़ा को पाने की कोशिश में; ज़ख़्मी होती हैं वफ़ाएं कितनी; कितना मासूम सा लगता है लफ्ज़ मोहब्बत का; और इस लफ्ज़ से मिलती हैं सजाएं कितनी। |
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है; मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हँसाना चाहता है; जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से; हर शख्स बस मुझे ही आज़माना चाहता है। |
मेरे दिल के दर्द को किसने देखा है; मुझे बस मेरे खुदा ने तड़पते देखा है; हम तन्हाई में बैठे रोते हैं; लोगों ने हमे महफ़िल में हँसते देखा है। |
नया दर्द एक दिल में जगा कर चला गया; कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया; जिसे ढूंढ़ती रही मैं लोगों की भीड़ में; मुझ से वो अपने आप को छुपा कर चला गया। |
कुछ अलग था कहने का अंदाज़ उनका; कि सुना भी कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं; कुछ इस तरह बिखरे उनके प्यार में हम; कि टूटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं। |
किसी की चाहत में इतने पागल न हो; हो सकता है वो आपकी मंज़िल न हो; उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत न समझना; हो सकता है मुस्कुराना उसकी आदत ही हो। |
आज अरसे बाद जब सुनी उसकी आवाज़; तो लगा जैसे है वो मेरे दिल के ही पास; जब आया होश टी तो नम हो गयी ये आँखें; फिर एहसास हुआ कि कभी न पूरी होने वाली है ये आस। |
जिनको हमने चाहा इश्क़ की हदें तोड़ कर; आज उसने देखा नहीं निगाह मोड़ कर; ये जान कर बहुत दुख हुआ मुझे; कि वो खुद भी तन्हा हो गये मुझे छोड़ कर। |
दर्द को न देखिये दर्द से; दर्द को भी दर्द होता है; दर्द को भी ज़रुरत है प्यार की; आखिर प्यार में दर्द ही तो हमदर्द होता है। |