कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िन्दगी से जुड़ जाते हैं; कहते हैं उस दौर को दोस्ती; जिसमे अनजाने ना जाने कब अपने बन जाते हैं। |
मेरे लिए मेरी जान है तेरी दोस्ती; ज़िन्दगी का हर अरमान है तेरी दोस्ती; ना कोई गिला, ना कोई शिकवा है किसी से; मुझ पर खुदा का एहसान है तेरी दोस्ती। |
प्रेमी और दोस्त में क्या फर्क है? प्रेमी कहता है, "तुम्हें कुछ हुआ तो मैं ज़िंदा नहीं रहूँगा।" और दोस्त कहता है, "जब तक मैं ज़िंदा हूँ, तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा।" |
आपकी दोस्ती की एक नज़र चाहिए; यह दिल है बेघर इसे एक घर चाहिए; यूँ साथ चलते रहो, ऐ दोस्त; यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए। |
सोचा न था कभी ऐसी दोस्ती होगी; साथ मेरे आप लोगों जैसी हस्ती होगी; जन्नत की गलियों के ख्वाब क्यों देखूं; अगर हम सारे दोस्त साथ होंगे तो हर साल में भी मस्ती होगी। |
विश्वास की एक डोरी है दोस्ती; विश्वास के बिना कोरी है दोस्ती; कभी थैंक्स तो कभी सॉरी है दोस्ती; ना मानो तो कुछ भी नहीं; पर मानो तो रब की भी कमज़ोरी है दोस्ती। |
दोस्त एक ऐसा चोर होता है; जो आँखों से आँसू, चेहरे से परेशानी, दिल से मायूसी, ज़िंदगी से दर्द, और बस चले तो हाथों की लकीरों से मौत तक चुरा ले। |
आसमान से उतारी है, तारों से सजाई है; चाँद की चाँदनी से नहलायी है; ऐ दोस्त ज़रा संभाल कर रखना यह दोस्ती; यही तो हमारी ज़िंदगी भर की कमाई है। |
दोस्त समझते हो तो दोस्ती निभाते रहना; हमें भी याद करना खुद भी याद आते रहना; हमारी तो हर ख़ुशी दोस्तों से ही है; हम खुश रहें या ना आप सदा यूँ ही मुस्कुराते रहना। |
अपनी ज़िंदगी के कुछ अलग ही उसूल हैं; दोस्ती की खातिर हमें काँटे भी क़बूल हैं; हँस कर चल देंगे काँच के टुकड़ों पर भी; अगर दोस्त कहे कि यह दोस्ती में बिछाये फूल हैं। |