ऐसा एक अजब खजाना; जिसका मालिक बड़ा सयाना; दोनों हाथों उसे लुटाए; फिर भी दौलत बढ़ती जाए। |
दो अक्षर का मेरा नाम; मेरे बिन न चलता काम; रंगहीन हूँ स्वादहीन हूँ; हरदम आता हूँ मैं काम। |
बिन पंख के उड़े आकाश; लंबी पूंछ हमारे हाथ। |
काली काली माँ; लाल लाल बच्चे; जिधर जाए माँ; उधर भागे बच्चे। |
काटते हैं पीसते हैं; बाँटते हैं पर खाते नहीं। |
एक बार आता जीवन में नहीं दोबारा आता; जो मुझको पहचान न पाता, आजीवन पछताता। |
काला घोड़ा सफ़ेद सवारी; एक उतरे दूसरे की बारी। |
तीन अक्षर का मेरा नाम; प्रथम कटे तो राम-राम; द्वितीय कटे तो फल का नाम; तृतीय कटे तो काटने का काम। |
चार और चार मिलकर कब आठ से ज्यादा बनते हैं? |
आज हूँ तो कल नहीं; कल वाली नहीं परसों; फिर आऊंगी बाद महीना; बाट न देखें बरसों। |