तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया; क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता; कुत्ते भौंकते हैं अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए; मगऱ जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयाँ करता है। |
जीवन के हर पल को ख़ुशी से बिताओ; आँसुओं को कर जीवन से बाहर हर पल मुस्कुराओ; लाख करे यह दुनिया तुम पर सितम; छोड़ कर पीछे सभी मुश्किलें बस आगे ही बढ़ते जाओ। |
जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है; हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है; अभी तो नापी है सिर्फ मुट्ठी भर ज़मीन; अभी तो सारा आसमान बाकी है। |
यह माना कि ज़िंदगी काँटों भरा सफर है; इससे गुज़र जाना ही असली पहचान है; बने बनाये रास्तों पर तो सब चलते हैं; खुद रास्ते जो बनाये वही तो इंसान है। |
जियो इतना कि ज़िंदगी कम पड़ जाये; हँसों इतना कि रोना मुश्किल हो जाये; मंज़िल पर पहुँचना तो किस्मत की बात है; मगर मंज़िल को चाहो इतना कि खुदा देने पर मज़बूर हो जाये। |
ज़िंदगी से ना रखो कभी कोई शिकायत तुम; यह हँसने के देगी मौके हज़ारों तुम्हें; मुक़ाबला करो हँसते हुए परेशानियों का; अगर मुसीबत आये कोई ज़िंदगी में तुम्हें। |
सामने हो मंज़िल तो रास्ते ना मोड़ना; जो भी मन में हो वो सपना ना तोडना; कदम कदम पे मिलेगी मुश्किल सामने; बस देख कर उन्हें तुम हौंसला मत छोड़ना। |
बढ़ते कदमो को ना रुकने दे ऐ मुसाफिर; चाहे रास्ता हो कठिन और मंज़िल हो दूर; चाहे ना मिले रास्ते में कोई हमसफ़र; फिर भी झुकना नहीं और पा लेना लक्ष्य को करके बाधाएं सारी दूर। |
मुश्किल नहीं इस दुनिया में कुछ भी; फिर भी ना जाने क्यों लोग अपनी डगर छोड़ देते हैं; हो अगर हौंसला कुछ कर गुज़रने का ज़िंदगी में; तो यह ज़मीन के पत्थर क्या आसमान के सितारे भी रास्ते से हट जाते हैं। |
जब भी कोई विपत्ति आती है, कायर को ही दहलाती है; सूरमा कभी नहीं विचलित होते, एक क्षण नहीं धीरज खोते; विघ्नों को वो हैं गले लगाते, काँटों में भी अपनी राह हैं बनाते। |