जमीं से जुड़कर आसमां की बात करो; ख्वाब नहीं हक़ीक़त से मुलाक़ात करो; तूफ़ान से डरते हैं बुझदिल यारो; शेर-दिल बन कर मुसीबत से दो-दो हाथ करो। |
तनहा बैठ न देख हाथों की लकीरें अपनी; उठ बाँध कमर और लिख दे खुद तक़दीर अपनी। |
छाता बारिश को तो नहीं रोक सकता पर बारिश में खड़े रहने का हौंसला ज़रूर देता है; इसी तरह आत्मविश्वास सफलता की गारंटी तो नहीं देता पर सफलता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरणा अवश्य देता है। |
खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है; रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है; हार तो ज़िंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त; हारने के बाद जीतने का मज़ा ही कुछ और है। |
साहिल जो समझ ले मौजों को; फिर क्या ख़ौफ़ उसे तूफानों से; मर कर ही तो जीना है; यह सीख लिया परवानो से। |
हर जलते दीपक तले अँधेरा होता है; हर रात के पीछे एक सवेरा होता है; लोग डर जाते हैं मुश्किलों को देख कर; पर हर मुश्किल के पीछे सफलता का सवेरा होता है। |
हो कर मायूस न यूँ शाम से ढलते रहिये; ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये; एक ही पाँव पर ठहरोगे तो थक जाओगे; धीरे-धीरे ही सही राह पर चलते रहिये। |
ऐ आसमां अपनी हदें बता मैं सके पार जाना चाहता हूँ; फांसले कितने भी बड़े हों मैं उन्हें मिटाना चाहता हूँ। |
अगर सीखना है दिये से तो जलना नहीं मुस्कुराना सीखो; अगर सीखना है सूरज से तो डूबना नहीं रौशनी फैलाना सीखो; अगर पहुँचना हो शिखर पर तो; रास्ते पर चलना नहीं, रास्ते बनाना सीखो। |
ना कर आसमान की हसरत ज़मीन की तालाश कर; सब है यहीं कहीं और ना इसकी आस कर; पूरी हो अगर हर आरज़ू तो क्या मज़ा है; अगर जीना है तो एक हसीन वजह की तालाश कर। |