प्रेरणादायक Hindi SMS

  • हर दर्द की एक पहचान होती है;<br/>
ख़ुशी चंद लम्हों की मेहमान होती है;<br/>
वही बदलते हैं रुख हवाओं का;<br/>
जिनके इरादों में जान होती है।Upload to Facebook
    हर दर्द की एक पहचान होती है;
    ख़ुशी चंद लम्हों की मेहमान होती है;
    वही बदलते हैं रुख हवाओं का;
    जिनके इरादों में जान होती है।
  • अपने ग़मों की तू नुमाईश न कर;<br/>
अपने नसीब की यूँ आज़माईश न कर;<br/>
जो तेरा है वो खुद तेरे दर पर चल कर आएगा;<br/>
रोज़ उसे पाने की ख्वाहिश न कर।Upload to Facebook
    अपने ग़मों की तू नुमाईश न कर;
    अपने नसीब की यूँ आज़माईश न कर;
    जो तेरा है वो खुद तेरे दर पर चल कर आएगा;
    रोज़ उसे पाने की ख्वाहिश न कर।
  • काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;
    हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें;
    यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं;
    जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये।
  • आँधियों को ज़िद्द है जहाँ बिजलियाँ गिराने की;<br/>
मुझे भी ज़िद्द है वही आशियाँ बसाने की;<br/>
हिम्मत और हौंसले बुलंद हैं, खड़ा हूँ अभी गिरा नहीं हूँ;<br/>
अभी जंग बाकी है और मैं भी अभी हारा नहीं हूँ।Upload to Facebook
    आँधियों को ज़िद्द है जहाँ बिजलियाँ गिराने की;
    मुझे भी ज़िद्द है वही आशियाँ बसाने की;
    हिम्मत और हौंसले बुलंद हैं, खड़ा हूँ अभी गिरा नहीं हूँ;
    अभी जंग बाकी है और मैं भी अभी हारा नहीं हूँ।
  • निगाहों में मंज़िल थी, गिरे और गिर कर संभलते रहे;
    कोशिश की हवाओं ने बहुत, मगर चिराग़ हिम्मत के आंधियों में भी जलते रहे।
  • सामने हो मंज़िल तो रास्ते न मोड़ना;
    जो भी मन में हों वो सपने न तोडना;
    क़दम -क़दम पे मिलेगी मुश्किल आपको ;
    बस सितारे चुनने के लिए कभी ज़मीन मत छोड़ना।
  • रख हौंसला वो मंज़र भी आएगा;
    प्यासे के पास चल के समंदर भी आएगा;
    थक कर न बैठ मंज़िल के मुसाफिर;
    मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा।
  • दो अक्षर का शब्द है 'लक';
    ढाई अक्षर का शब्द है 'भाग्य';
    तीन अक्षर का शब्द है 'नसीब';
    साढ़े तीन अक्षर का शब्द है 'किस्मत';
    मगर ये चारों के चारों चार अक्षर के शब्द 'मेहनत' के सामने छोटे होते हैं।
  • परिंदों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की;<br/>
वो खुद ही तय करते हैं मंजिल आसमानों की;<br/>
रखते हैं जो हौसला आसमानों को छूने का;<br/>
उनको नहीं होती परवाह गिर जाने की।Upload to Facebook
    परिंदों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की;
    वो खुद ही तय करते हैं मंजिल आसमानों की;
    रखते हैं जो हौसला आसमानों को छूने का;
    उनको नहीं होती परवाह गिर जाने की।
  • ख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली में, कर्म की शाख को हिलाना होगा;
    न होगा कुछ कोसने से अंधेरें को, अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा।
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