करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे; दूर भी इतना रहो कि आने का इंतजार रहे; रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियां इतनी; कि टूटे उम्मीद मगर रिश्ता बरकरार रहे। |
प्यार चीज़ नहीं जताने की; हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की; हम इसलिए कम मिलते हैं आपसे; क्योंकि कुछ रिश्तों को नज़र लग जाती है ज़माने की। |
साथ नहीं रहने से रिश्ते नहीं टूटा करते; वक़्त की धुंध से रिश्ते नहीं छूटा करते; लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया; टूटती है नींद कभी सपने नहीं टूटा करते! |
दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता; हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता; अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ; तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नही होता। |
रिश्ते एहसास के होते हैं; अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने; अगर एहसास न हो तो अपने भी अजनबी होते हैं। |
कदर करनी है तो जीते जी करो; अर्थी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं। |
अगर कुछ सीखना है तो आँखों को पढ़ना सीख लो; वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हज़ारों निकलते हैं। |
दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये; कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती। |
रिश्ते काँच की तरह होते हैं; टूटे जाए तो चुभते हैं; इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना; क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल; और बनाने मे बरसो लग जाते हैँ। |
इस शहर में हमारा कौन हैं; हर कोई अपनों से बेगाना क्यों हैं; सब तरफ फैली मायूसी, बेबसी, तन्हाई; यहाँ दिल का सहारा कौन हैं। |