दूर हो जाने से रिश्ते नहीं टूटते; ना ही सिर्फ पास रहने से जुड़ते; यह तो दिलों के बंधन हैं; इसीलिए हम तुम्हें और तुम हमें नहीं भूलते। |
तुम आए ज़िंदगी में कहानी बनकर; तुम आए ज़िंदगी में रात कि चाँदनी बन कर; बसा लेते हैं जिन्हें हम आँखों में; वो अक्सर निकल जाते हैं आँखों से पानी बनकर। |
जिंदगी में कुछ दोस्त खास बन गये; मिले तो मुलाकात और बिछड़े तो याद बन गये; कुछ दोस्त धीरे-धीरे फिसलते चले गये; पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये। |
जहाँ याद न आये वो तन्हाई किस काम की; बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की; बेशक अपनी मंजिल तक जाना है; पर जहाँ से अपने न दिखें, वो उंचाई किस काम की। |
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो; कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो; रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से; बस, उन्हें खूबसूरती से निभाना सीखो। |
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक हैं; अच्छे हृदय से कई रिश्ते बनेंगे, और अच्छे स्वभाव से रिश्ते जीवन भर टिकेंगे। |
आजकल बाजारों में बिकते हैं रिश्ते; जब तक जरुरत हो तभी तक टिकते हैं रिश्ते; अब तो लाभ-हानि के पलड़ो में तुलते हैं रिश्ते; लेकिन न जाने क्यों, अब भी लोग बुनते हैं रिश्ते। |
रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता है; दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है; झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए; क्योंकि हर रिश्ता एक नाजुक समझौता होता है। |
करीब इतने रहो कि रिश्तों में प्यार रहे; दूर भी इतना रहो की आने का इंतज़ार रहे; रखो उम्मीद रिश्तों के दरम्यान इतनी कि; टूट जायें उम्मीद मगर रिश्ते बरकरार रहें। |
दिल के घर में बसने वाले अजनबी नहीं होते; हर वक़्त याद आने वाले अजनबी नहीं होते; ख़ुशी देने वाले तो अपने होते हैं; पर गम देने वाले भी कभी अजनबी नहीं होते। |