लोग झूठ कहते हैं कि दीवारों में दरारें पड़ती हैं; हक़ीक़त तो यह है कि जब रिश्तों में दरारें पड़ती हैं तब दीवारें बनती हैं। |
फूल इसलिए अच्छे, कि खुश्बू का पैगाम देते हैं; कांटे इसलिए अच्छे, कि दामन थाम लेते हैं; दोस्त इसलिए अच्छे, कि वो मुझ पर जान देते हैं; और दुश्मनों को, कैसे ख़राब कह दूँ वो ही तो हैं; जो हर महफ़िल में मेरा नाम लेते हैं। |
रिश्ते खून के नहीं होते, रिश्ते एहसास के होते हैं; अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने होते हैं; और अगर एहसास ना हो तो अपने भी अजनबी हो जाते हैं। |
दिल से बने रिश्तों का नाम नहीं होता; इनका कभी भी निरर्थक अंजाम नहीं होता; अगर निभाने का हो जज्बा दोनों तरफ; तो ये पाक रिश्ता कभी बदनाम नहीं होता। |
अपने रिश्तों को बारिश की तरह न बनाये, जो आये और चली जाये; बल्कि रिश्ते ऐसे बनाये जो हवा की तरह हमेशा आपके अंग संग रहें। |
लगे न नज़र इस रिश्ते को ज़माने की; पड़े न ज़रुरत कभी एक-दूजे को मनाने की; छोड़ना न कभी आप हमारा ये साथ; तमन्ना हमारी भी है इसे मौत तक निभाने की। |
ज़िंदगी नहीं हमें ये रिश्ता है प्यारा; रिश्तों के प्यार से ही खिलता है दिल हमारा; आँखों में हमारी आँसू है तो क्या गम है; इस बात की ख़ुशी है कि मुस्कुरा रहा है कोई जान से प्यारा। |
रिश्तों में सदा प्यार की मिठास रहे; कभी न मिटने वाला एक एहसास रहे; कहने को तो छोटी सी है यह जिंदगी; मगर दुआ है कि सदा आपका साथ रहे। |
दिमाग पर ज़ोर लगाकर गिनते हो गलतियां मेरी; कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका है। |
यादें अक्सर होती हैं सताने के लिए; कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए; रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं; बस दिलों में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए। |