मैं जैसे-जैसे बड़ा हुआ, मेरे शिक्षक होशियार होते गए। |
मैं जैसे-जैसे बड़ा हुआ, मेरे शिक्षक होशियार होते गए। |
बहुत दूर रह रहे पति पर कभी भरोसा मत करो, और ना ही बहुत करीब रह रहे कुंवारे पर। |
शादी के बाद ख़ुशी तो बस भाग्य का खेल है। |
पुरुष अपना भाग्य नियंत्रित नहीं करते। उसके जीवन में मौजूद औरत उसके लिए ये काम करती है। |
समस्याओं की अपेक्षा कीजिये और उन्हें नाश्ते में खाइए। |
अगर मुझे लड़की नहीं मिल सकती, तो कम से कम मुझे और पैसे दे दो। |
औरतें प्यार करने के लिए बनी हैं, समझने के लिए नहीं। |
अच्छी शादी एक अंधी पत्नी और बहरे पति के बीच ही हो सकती है! |
मछलियों कि तरह मेहमान भी तीन दिन बाद बदबू करने लगते हैं। |