मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता। |
कभी-कभार आप एक लड़ाई हार कर आप युद्ध जीतने का एक नया तरीका सीख जाते हैं। |
भारत का तब तक खून बहाया जा रहा है जब तक की बस कंकाल ना शेष रह जाये। |
लोकतंत्र तब होगा जब गरीब ना कि धनाड्य शाशक हों |
यदि आप एक बार अपने साथी नागरिकों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे। |
सच्ची राजनीति मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने बारे में हैं। |
एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है। जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था। |
यौन उत्पीड़न के किसी भी मामले में, दोषियों को तीन से चार पांच छह महीने के अंदर सबसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए| |
वही लूट, वही भ्रष्टाचार, वही उपद्रवता अभी भी मौजूद है| |
क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए। |