रिश्ते Hindi SMS

  • करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे;
    दूर भी इतना रहो कि आने का इंतजार रहे;
    रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियां इतनी;
    कि टूटे उम्मीद मगर रिश्ता बरकरार रहे।
  • प्यार चीज़ नहीं जताने की;<br/>
हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की;<br/>
हम इसलिए कम मिलते हैं आपसे;<br/>
क्योंकि कुछ रिश्तों को नज़र लग जाती है ज़माने की।Upload to Facebook
    प्यार चीज़ नहीं जताने की;
    हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की;
    हम इसलिए कम मिलते हैं आपसे;
    क्योंकि कुछ रिश्तों को नज़र लग जाती है ज़माने की।
  • साथ नहीं रहने से रिश्ते नहीं टूटा करते;<br/>
वक़्त की धुंध से रिश्ते नहीं छूटा करते;<br/>
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया;<br/>
टूटती है नींद कभी सपने नहीं टूटा करते!Upload to Facebook
    साथ नहीं रहने से रिश्ते नहीं टूटा करते;
    वक़्त की धुंध से रिश्ते नहीं छूटा करते;
    लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया;
    टूटती है नींद कभी सपने नहीं टूटा करते!
  • दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता;<br/>
हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता;<br/>
अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ;<br/>
तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नही होता।Upload to Facebook
    दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता;
    हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता;
    अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ;
    तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नही होता।
  • रिश्ते एहसास के होते हैं;<br/>
अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने;<br/>
अगर एहसास न हो तो अपने भी अजनबी होते हैं।Upload to Facebook
    रिश्ते एहसास के होते हैं;
    अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने;
    अगर एहसास न हो तो अपने भी अजनबी होते हैं।
  • कदर करनी है तो जीते जी करो;
    अर्थी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं।
  • अगर कुछ सीखना है तो आँखों को पढ़ना सीख लो;<br/>
वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हज़ारों निकलते हैं।Upload to Facebook
    अगर कुछ सीखना है तो आँखों को पढ़ना सीख लो;
    वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हज़ारों निकलते हैं।
  • दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये;
    कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती।
  • रिश्ते काँच की तरह होते हैं;
    टूटे जाए तो चुभते हैं;
    इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना;
    क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल;
    और बनाने मे बरसो लग जाते हैँ।
  • इस शहर में हमारा कौन हैं;<br/>
हर कोई अपनों से बेगाना क्यों हैं;<br/>
सब तरफ फैली मायूसी, बेबसी, तन्हाई;<br/>
यहाँ दिल का सहारा कौन हैं।Upload to Facebook
    इस शहर में हमारा कौन हैं;
    हर कोई अपनों से बेगाना क्यों हैं;
    सब तरफ फैली मायूसी, बेबसी, तन्हाई;
    यहाँ दिल का सहारा कौन हैं।
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