जहाँ याद न आये वो तन्हाई किस काम की; बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की; बेशक अपनी मंजिल तक जाना है; पर जहाँ से अपने न दिखें, वो उंचाई किस काम की। |
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो; कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो; रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से; बस, उन्हें खूबसूरती से निभाना सीखो। |
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक हैं; अच्छे हृदय से कई रिश्ते बनेंगे, और अच्छे स्वभाव से रिश्ते जीवन भर टिकेंगे। |
दिल से बने जो रिश्ते उनका नाम नहीं होता; इनका कभी भी निरर्थक अंजाम नहीं होता; अगर निभाने का जज्बा दोनों तरफ से हो; तो ये पाक रिश्ता कभी बदनाम नहीं होता। |
आजकल बाजारों में बिकते हैं रिश्ते; जब तक जरुरत हो तभी तक टिकते हैं रिश्ते; अब तो लाभ-हानि के पलड़ो में तुलते हैं रिश्ते; लेकिन न जाने क्यों, अब भी लोग बुनते हैं रिश्ते। |
हाथ छूटे तो रिश्ते नहीं छूटा करते; वक़्त की दहलीज़ से लम्हें नहीं टूटा करते; मिलते हैं कुछ इंसान ऐसे जिंदगी में; जिनसे कभी नाते नहीं टूटा करते। |
रिश्ता बनाना इतना आसन है जैसे मिट्टी पर मिट्टी से लिखना; और; रिश्ता निभाना इतना मुश्किल है जैसे पानी पर पानी से लिखना। |
इतने करीब रहो कि रिश्तों में एतबार रहे; इतने भी दूर मत जाओ कि इंतज़ार रहे; उम्मीद रखो रिश्तों के बीच इतनी; कि उम्मीद टूटे पर रिश्ते बरकरार रहें। |
रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता है; दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है; झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए; क्योंकि हर रिश्ता एक नाजुक समझौता होता है। |
सभी लोग तो कभी अच्छे नहीं रहते; जिनसे सच सीखा है वो भी सच्चे नहीं रहते; क्यों ऐसा होता है ऐतबार की टूटी देहलीज़ पर; जो बहुत अपने हैं, अक्सर अपने नहीं रहते। |