पप्पू: मैडम आप दूध पीती हो? टीचर: हाँ रोज पीती हूँ, क्यों? पप्पू: आपका मुँह पहुँच जाता है वहाँ तक? |
चाहता तो हूँ कि ये दुनिया बदल दूँ पर... . . . . . . . . चूत के जुगाड़ में लगे रहने से फुर्सत नहीं मिलती! |
ना जाने कैसी नजर लगी है जमाने की, जगह ही नहीं मिल रही है बजाने की। |
सिमट गया मेरा प्यार चंद अल्फ़ाजों में जब उसने कहा... खूंटे पर बैठ कर फाड़ लूँगी पर तुझे नही दूंगी। |
चाहत तो थी उनके दिल में बस जाने की... . . . . . . . बहन की लौड़ी ने ब्रा के बटन ही ना खोले! |
दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर, जब मासूमियत से वो कहती है, "थूक-थाक कुछ तो लगालो... बिल्कुल जान निकालोगे क्या?" |
सारी खुदाई एक तरफ; झांट खुजाई एक तरफ। |
चुटिया काटने वाली खबर अफवाह नहीं दोस्तों, सच है! बस थोड़ी स्पेलिंग मिस्टेक है! |
बाबा के एक भक्त ने बड़ी परेशान सी हालत में उनसे पूछा, "बाबा ये लड़कियो के निपल्स के आस-पास छोटे डॉट्स क्यों होते हैं?" बाबा: यह अंधे भाइयों के लिए ब्रेल लिपि में लिखा है, "कृपया यहाँ चूसें"। |
साला मुझे लगता है कि लंड के पास भी कान हैं... . . . . . . . . पता नहीं साला चूत का नाम सुनते ही खड़ा हो जाता है। |