न ताक़त आप में है न आपकी हड्डी में है; वाह - वाह! न ताक़त आप में है न आपकी हड्डी में है; ताक़त तो उसमे है जो बिना हड्डी के आपकी चड्डी में है। |
कौन कहता है कि मर्द को दर्द नहीं होता? टांगों के बीच एक लात मारो, अगर दर्द न हुआ तो वो नामर्द है। |
कडवा सच:
जब एक आदमी अमीर हो जाए तो शरारती हो जाता है; और अगर एक औरत शरारती हो जाए तो अमीर हो जाती है! |
इस अनजान शहर में पत्थर कहाँ से आ कर लगा मुझे,ऐ दोस्त . . . . . . . लगता है गैरों की इस भीड़ में, कोई अपना ही माँ चुदा रहा है। |
सेक्स के समय मर्द की ताक़त का अंदाज़ा हिलते हुए कूल्हे से नहीं बल्कि लड़की के उछलते हुए गुब्बारों से होता है। और सेक्स की शिद्दत का अंदाज़ा मर्द के ज़ोर से नहीं लड़की के शोर से होता है। |
अर्ज़ किया है: रात भर आई नहीं और हम हिला-हिला कर यूँ ही सो गए; ज़रा गौर फरमाईये: रात भर आई नहीं और हम हिला-हिला कर यूँ ही सो गए; . . . . . जो हिला रहे थे वो था पंखा, जो आई नहीं वो थी बिजली। सालो कभी तो सीधा सोच लिया करो। |
आसमान पे काली घटा छाई है; आज फिर घरवाली ने दो बात सुनाई है; दिल करता है सुधर जाऊँ, मगर; बाजूवाली आज फिर भीग कर आई है। |
मैं अपनी सरकार का बहुत शुक्रगुज़ार हूँ जिनकी वजह से मैं टूटी हुई सड़कों पर टू-व्हीलर चलाती हुई लड़कियों के उछलते हुए उभार देख पाता हूँ। |
काश ऐसी गर्लफ्रेंड मिल जाये जो कहे, उदास क्यों रहते हो तनहा शाम की तरह; उदास क्यों रहते हो तनहा शाम की तरह; आओ चूस लो मेरे दुद्दू देसी आम की तरह! |
मेरी हर खता को माफ़ कर देना, ये सोच कर दोस्तों कि . . . . . . तुम लौड़ा कौन सा दूध के धुले हो। |