जाने किस तरह से छूते हैं लोग कि बीमार हुए जाते हैं, हमें 'छुआ' था किसी ने तो 'इश्क़' हुआ था! #कोरोना_वायरस |
काश उसे चाहने का अरमान ना होता; मैं होश में रहते हुए अनजान ना होता; ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हम को; या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता। |
काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते; जो कल था वही प्यार आज करते; हमें ग़म नहीं उनकी बेवफाई का; बस अरमां था कि हम भी अपने प्यार पर नाज़ करते। |
ज़िंदगी गुज़र जाये पर प्यार कम ना हो; याद हमे रखना चाहे पास हम ना हों; क़यामत तक चलता रहे प्यार का सफर; यही अरमां है हमारा कि यह रिश्ता कभी ख़त्म ना हो। |
काश वो पल संग बिताये ना होते; तो उनको याद कर आज ये आँसू आये ना होते; खुदा को अगर इस तरह दूर ले जाना था उन्हें; तो इतनी गहराई से ये दिल मिलाये ना होते। |
जीने के लिए दर्द का सामान बहुत है; कुछ रोज़ से अपना दिल परेशान बहुत है; मिलते हैं सभी लोगों से हम; बस आपसे मिलने का अरमान बहुत है। |
काश हमारी भी परवाह किसी ने की होती; तो ये दुनिया हमें रुस्वा न होती; काश हमें भी आता आप जैसा मुस्कुराना; तो हमसे भी किसी ने मोहब्बत की होती। |
कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे; ना जाने कितने टुकड़ों में अरमां टूटे; हर टुकड़ा है आईना जिंदगी का; हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे। |
काश मेरी रूह में आप इस कदर उतर जायें; मैं देखूं आईना और आपकी तस्वीर नज़र आये; जब आप हों सामने तो वक़्त ठहर जाये; और आपको देखते-देखते ये ज़िंदगी गुज़र जाये। |
ये भी एक दुआ है खुदा से; किसी का दिल न दुखे मेरी वज़ह से; ए खुदा कर दे कुछ ऐसी इनायत मुझ पे; कि खुशियाँ ही मिलें सब को मेरी वज़ह से। |