हम मिडिल क्लास वाले हैं साहब, फोटो अपलोड करते समय शक्ल से ज़्यादा बैकग्राउंड देखना पड़ता है! |
लॉकडाउन के दौरान रसोई में काम किया तो पता चला कि... ये पकौड़े, ब्रेड पकौड़े, कचौरी, पूरी, समोसे एकदम "हल्के" भोजन हैं। कढ़ाई में डालते ही ऊपर तैरने लगते हैं! इतने सालों से ये डॉक्टर हमें बेवकूफ बनाते रहे कि तली हुई चीजें मत खाओ, भारी होती हैं! |
आज का ज्ञान: महिलाएं सुंदर कपड़े पुरुषो को आकर्षित करने के लिए नहीं पहनती अपनी सहेलियों, सहकर्पमियों और पड़ोसनो को चिड़ाने के लिए पहनती हैं। |
कोरोना में हम सभी लोग, दो भागों में बँट गए है: एक वो जो बहुत अधिक सावधानी रख रहे हैं और दूसरे वो जो बिंदास घूम रहे हैं! और मजे की बात यह है कि... . . . . . . दोनों ही एक दूसरे को बेवकूफ समझ रहे हैं! |
पढ़ ले नालायक! कुछ नहीं रखा फोन और फालतू बातों में... यही वक़्त है कैरियर बनाने का। अगर आपने ये डायलॉग कभी भी नहीं सुना तो आपका जीवन बेकार है। |
पूरी दुनिया में अपना ही एक मात्र ऐसा देश है जहाँ सफाई करने के लिए भी मैला कपडा माँगते हैं। (मम्मी मैला कपडा देना, गाड़ी साफ़ करनी है।) |
वो जो आप खाना खाकर हाथ धोने के बाद रुमाल से हाथ पोंछने के बजाये पीछे पैंट पे पोछतें हैं न... वही आपके शुद्ध हिंदुस्तानी होने का प्रमाण है। |
आजकल के बच्चे भी ऐसे बाल करके फुल मॉडलिंग में स्कूल जाते हैं और एक हमारा ज़माना था हमारी माँ खोपरे का तेल बालों मे लगाकर बालों को ऐसे चिपका देती थी कि... . . . . . तूफान भी आ जाए तो एक भी बाल इधर से उधर न हो सके। |
आज का ज्ञान: दूकान में आने वाले हर शख्स ग्राहक नहीं होता; कुछ लोग केवल सैनिटाइज़र लगाने ही आते है! ~ एक मारवाड़ी |
मेरी पड़ोसन के घर गाने बज रहे हैं, "सुन रहा है न तू रो रही हूँ मैं", तो क्या मैं जाऊं उसे चुप कराने! |