गलतियों से जुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं; दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं; गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां; वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं था, मैं भी नहीं! |
रिश्तों में दूरियां तो आती रहती हैं; फिर भी दूरियां दिलों को मिला देती हैं; वो रिश्ता ही क्या जिसमें नाराज़गी ना हो; पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना लेती है। |
भीगी पलकों के संग मुस्कुराते हैं हम; पल-पल दिल को बहलाते हैं हम; आप दूर हैं हमसे तो क्या हुआ; हर सांस में आपकी आहट पाते हैं हम। |
यादों में हम रहें हमेशा यही एहसास रखना; नज़रों से दूर पर दिल के पास रखना; हम यह नहीं कहते कि साथ रहो; दूर से ही पर दुआयों में याद रखना। |
मोहब्बत हर इंसान को आज़माती है; किसी से रूठ जाती है पर किसी पर मुस्कुराती है; मोहब्बत खेल ही ऐसा है; किसी का कुछ नही जाता किसी का सब कुछ चला जाता है। |
दूरियों की न परवाह कीजिए; दिल जब भी पुकारे हमें बुला लीजिए; हम ज़्यादा दूर नहीं आपसे; बस अपनी आँखों को पलकों से मिला लीजिए। |
ना दूर मुझसे जाया करो, दिल तड़प जाता है; हमेशा तेरे ख्यालों में दिन गुज़र जाता है; दिल ने एक सवाल पूछा था तुमसे; क्या दूर रहकर तुम्हें भी मेरा ख्याल आता है। |
जब निकलता है कोई दिल में बस जाने के बाद; दर्द कितना होता है बिछड़ जाने के बाद; जो पास होता है उसकी कदर नहीं होती; कमी महसूस होती है दूर जाने के बाद। |
बहेंगी जब सर्द हवाएं; हम खुद को तनहा पाएँगे; एहसास तुम्हारे साथ का; हम कैसे महसूस कर पाएँगे। |
जो जितना दूर होता है नज़रों से, उतना ही वो दिल के पास होता है, मुश्किल से भी जिसकी एक झलक देखने को ना मिले, वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है| |