पीले-पीले सरसों के फूल, पीली उडी पतंग; रंग बरसे पीले और छाये दिलों में उमंग; आपके जीवन ये बसंत फैला दे खुशियों के सब रंग! आप सब को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं! |
वीणा लेकर हाथ में, सरस्वती हो आपके साथ में, मिले माँ का आशीर्वाद आपको हर दिन, मुबारक हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन। सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की शुभकामनाएं। |
सर्दी को तुम दे दो विदाई, बसंत की अब ऋतु है आई, फूलों से खुशबू लेकर महकती हवा है आई, बागों में बहार है आई, भंवरों की गुंजन है लाई, उड़ रही है पतंग हवा में जैसे तितली यौवन में आई, देखो अब बसंत है आई। बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। |
पीले पीले सरसों के फूल, पीली उडी पतंग; रंग बरसे पीले और छाये सरसों की उमंग; जीवन में आपके रहे हमेशा बसंत के ये रंग; इसी तरह जीवन में आपके हमेशा बनी रहे खुशियों की तरंग। बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई! |
इस बसंत पंचमी माँ सरस्वती आपको हर वो विद्या दे जो आपके पास नहीं है और जो है उस पर चमक दे जिससे आपकी दुनिया चमक उठे। बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभ कामनायें! |
वीणा लेकर हाथ मे, सरस्वती हो आपके साथ मे, मिले माँ का आशीर्वाद आपको हर दिन, मुबारक़ हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन। सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की शुभ कामनायें! |
सर्दी को तुम दे दो विदाई, बसंत की अब ऋतु है आई; फूलों से खुशबू लेकर महकती हवा है आई; बागों में बहार है आई, भँवरों की गुंजन है लायी; उड़ रही है पतंग हवा में जैसे तितली यौवन में आई; देखो अब बसंत है आई। बसंत पंचमी की शुभ कामनायें! |
हलके-हलके से हो बादल, खुला-खुला सा आकाश; मिल कर उड़ाएं पतंग अमन की; आओ फैलायें खुशियों का पैगाम। बसंत पंचमी की शुभ कामनायें! |
गाओ सखी होकर मगन आया है बसंत, राजा है ये ऋतुओं का आनंद है अनंत; पीत सोन वस्त्रों से सजी है आज धरती, आंचल में अपने सौंधी-सौंधी गंध भरती; तुम भी सखी पीत परिधानों में लजाना, नृत्य करके होकर मगन प्रियतम को रिझाना; सीख लो इस ऋतु में क्या है प्रेम मंत्र गाओ सखी होकर मगन आया है बसंत। बसंत पंचमी की शुभ कामनायें! |
लो फिर बसंत आई, फूलों पे रंग है लायी; बज रहे हैं जल तरंग, दिल पे उमंग है छाई; खुशियों को लेकर संग है आई; लो फिर बसंत है आई। बसंत पंचमी की शुभ कामनायें! |