ज़ख्म मोहब्बत में हमने खाए हैं; चिराग उनकी राहों में जलाए हैं; हर होंठ पर हैं वो गीत मेरे; जो उनकी याद में हमने गाए हैं। |
बूँदें बारिश की यूँ ज़मीन पर आने लगी; सोंदी सी महक माटी की जगाने लगी; हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी; वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी। |
ना वो आ सके, ना हम जा सके; दर्द दिल का किसी को ना सुना सके; यादों को लेकर बैठें हैं आस में उनकी; ना उन्होंने याद किया, ना हम उन्हें भुला सके। |
जीना चाहते हैं पर ज़िंदगी रास नहीं आती; मौत चाहते हैं पर मौत पास नहीं आती; उदास हैं हम इस ज़िंदगी से; पर उसकी यादें तरसाने से बाज़ नहीं आती। |
चाहो तो दिल से हम को मिटा देना; चाहो तो हम को भुला देना; पर यह वादा करो कि आए जो कभी याद हमारी; रोना मत सिर्फ मुस्कुरा देना। |
पाने से खोने का मज़ा कुछ और है; बंद आँखों से देखने का मज़ा कुछ और है; आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने ग़ज़ल; तेरी यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है। |
हर बात समझाने के लिए नहीं होती; ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नहीं होती; याद तो आती है आपकी हर पल; पर हर याद जताने के लिए नहीं होती। |
किसी भी मोड़ पर हम आपको खोने नहीं देंगे; जुदा होना भी चाहो हम होने नहीं देंगे; चाँदनी रातों में आएगी हमारी याद; हमारी यादों के वो पल आपको सोने नहीं देंगे। |
तिनकों से बना पल, पल से बना लम्हा; और लम्हों ने वक़्त को चुना; हर पल कोई किसी के साथ नहीं रह सकता; इसीलिए तो खुदा ने यादों को चुना। |
समझा दो अपनी यादों को; वो बिन बुलाए पास आया करती हैं; आप तो दूर रहकर सताते हो मगर; वो पास आकर रुलाया करती हैं। |