ऐ सुबह तुम जब भी आना; सब के लिए बस खुशियां लाना; हर चेहरे पर हँसी सजाना; हर आँगन में फूल खिलाना। सुप्रभात! |
ये सुबह जितनी खूबसूरत है; उतना ही खूबसूरत आपका हर पल हो; जितनी भी खुशियाँ आज आपके पास हैं; उससे भी अधिक आने वाले कल हो। सुप्रभात! |
पानी की बूँदें फूलों को भिगा रही हैं; ठंडी हवायें एक ताज़गी का एहसास दिला रही हैं; हो जाएं आप भी इनमे शामिल; आकर एक प्यारी सी सुबह आपको जगा रही है। सुप्रभात! |
कल का दिन किसने देखा है, आज का दिन भी खोये क्यों; जिन घड़ियों में हँस सकते हैं, उन घड़ियों में फिर रोये क्यों। सुप्रभात! |
किसी को चाहो तो इस अंदाज़ से चाहो, कि वो तुम्हे मिले या ना मिले, मगर उसे जब भी प्यार मिले तो तुम याद आओ। सुप्रभात! |
बन कर गुलाब मुस्कुराना ऐ ज़िंदगी; इसी तरह अपने ग़म भुलाना ऐ ज़िंदगी; जीत की ख़ुशी हुई तो क्या हुआ; हार कर भी खुशियाँ बाँटना ऐ ज़िंदगी। सुप्रभात! |
पंछियों के मधुर संगीत के साथ; प्यारे से एक एहसास के साथ; एक सच्चे विश्वास के साथ; करो अपने दिन की शुरुआत एक प्यारी सी मुस्कान के साथ। सुप्रभात! |
इस नयी सुबह का यह नया नज़ारा; लेकर आई यह ठंडी हवा पैगाम हमारा; उठो नींद से तैयार हो जाओ; खुशियों से भरा है दिन यह तुम्हारा। सुप्रभात! |
बीत गयी तारों वाली सुनहरी रात; याद आई फिर वही प्यारी सी बात; खुशियों से हो हर पल आपकी मुलाक़ात; इसलिए मुस्कुराते हुए करो अपने दिन की शुरुआत। सुप्रभात! |
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है यह देखने के लिए हमें ज्यादा दूर जाने की ज़रूरत नहीं है, जहाँ हम अपनी आंखें खोल लें, वहीँ हम इसे देख सकते हैं। सुप्रभात! |