मिली हो तुम मुझको, फूटे नसीबों से... ठगा है तुमने मुझे... फिल्टर वाली तस्वीरों से। . . . . . . Whatsapp आशिक़ के मन की बात! |
आज कल के शुभचिंतक ऐसे होते हैं... जो आप का काम होते देख चिंतित हो जाते हैं! |
नशा चढ़ता है हम पर... तुझे सोचने भर से; मुलाकात का आलम खुदा खैर करे! |
जब झुकी हुई गर्दन से मोबाइल में अजनबी रिश्ते जुड़ जाते हैं तो हकीकत के रिश्ते में गर्दन झुका लेने में क्या हर्ज़ है! |
लोगों के काम आते रहिये क्योंकि सुंदरता का एक उसूल है कि जिस कुएँ से लोग पानी पीते रहे वो कभी सूखता नहीं! सुप्रभात! |
मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति तो हूँ नहीं,लेकिन मेरा मानना है कि देश में दो ही पार्टियां होनी चाहिए, . . .. . . . . . एक शनिवार की रात को और दूसरी रविवार की दिन में। |
पप्पू: ज़िन्दगी में चाहे जितना भी पीछे रह जाओ लेकिन... बंटी: लेकिन क्या? पप्पू: भंडारे में वहीँ बैठो जहाँ से सब्ज़ी - पूड़ी वाले अंदर आते हैं! |
झगड़ा होने पर यदि आप अपनी पत्नी को पागल औरत की जगह पागल लड़की बोल दो तो झगड़ा खत्म होने का चांस ज़्यादा है! |
मैने आज पेपर में एड देखा, लिखा था - एक सलवार सूट लो और 50% बचाओ! फिर क्या, बीवी के हाथ पेपर लगे उससे पहले ही मैने पेपर ही फाड़ डाला और 100% बचा लिए! |
महिला: भैया, वो जो मक्खी मारने की गोलियाँ आपने दी थीं, उनसे एक भी मक्खी नहीं मरी। दुकानदार: मैडम, आपका निशाना ठीक नहीं होगा। |