दिन पर दिन बाजार में चाय के डिस्पोजेबल गिलास इतने छोटे होते जा रहे हैं कि एक दिन ऐसा ना हो कि चाय के भी कैप्सूल मिलने लगें! |
यदि आप अपनी गलतियों से कुछ सीखतें हैं, तो गलतियां सीढ़ी हैं! नहीं सीखते हैं तो गलतियां सागर हैं, निर्णय आपका है - चढ़ना या डूबना! |
ज़ुल्म इतना बुरा नहीं जितनी ख़ामोशी है; बोलना सीखो वरना पीढ़ियां गूंगी हो जाएँगी! |
हौंसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते; हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं! |
बेखबर मत रहना पिछले साल की तरह; अगला तो वैसे भी पिछले से इक्कीस है? |
समापत होते वर्ष में मेरे मन कर्म और वाणी से यदि किसी को भी ठेस पहुँची हो तो मैं हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ! |
बड़ी मुख़्तसर वजह है मेरे झुक कर मिलने की; मिट्टी का बना हूँ गुरूर जँचता नहीं मुझ पर! |
360 दिन सफलतापूर्वक ख़राब हो चुके हैं! शेष 5 दिन बचे हैं, संयम बनाये रखें! |
कीचड़ और लीचड़ दोनों से बचने का प्रयास करें! एक तन ख़राब करता है और दूसरा मन! |
लाज़मी है तेरा खुद पर गुरूर करना; हम जिसे चाहे वो मामूली भी नहीं सकती! |