चाँद तारों से रात जगमगाने लगी है; फूलों की खुशबू भी दुनिया को महकाने लगी है; हो चुकी है अब यह रात गहरी; है खामोश अब चारों दिशाएं; लगता है इनको भी निंदिया रानी आने लगी है। शुभ रात्रि! |
मिला है सब कुछ तो फरियाद क्या करें; दिल हो परेशान तो जज़्बात क्या करें; तुम सोचते होंगे कि आज याद नहीं किया; कभी भूले ही नहीं तो याद क्या करें। सुप्रभात! |
दिल की गहराई से दुआ दी है आपको; लोगों का प्यार सदा ही मिले आपको; नज़र ना लगे कभी इस प्यार को; चाँद-सितारों से लंबा हो यह साथ आपका। सालगिरह मुबारक! |
साथ ना छूटे आप से कभी यह दुआ करता हूँ; हाथों में सदा आपका हाथ रहे बस यही फरियाद करता हूँ; हो भी जाये अगर कभी दूरी हमारे दरमियान; दिल से ना हों जुदा, रब्ब से यही इल्तिजा करता हूँ। शुभ रात्रि! |
हर पल आपको खुशियों की सौगात मिले; नयी सुबह में नयी उमीदों का आग़ाज़ मिले; मुश्किलों का न करना पड़े सामना कभी; मंज़िल तक पहुँचने के लिए ऐसा रास्ता मिले। सुप्रभात! |
जन्मदिन पर आपको हम देते हैं यह दुआ; खुशियां आपसे कभी हों ना जुदा; मिले आपको दुनिया की हर ख़ुशी की सौगात; रहे अपनों का जीवन भर ही साथ। जन्मदिन मुबारक! |
जैसे चाँद का काम है रात में रौशनी देना; तारों का काम है बस चमकते रहना; दिल का काम है अपनों की याद में धड़कते रहना; वैसे हमारा है काम अपनों की सलामती की दुआ करते रहना। शुभ रात्रि! |
हंसी आपकी कोई चुरा ना पाये; आपको कभी कोई रुला ना पाये; खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में; कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये। सुप्रभात! |
तू जहाँ रहे वहाँ मेरी दुआओं की छाँव हो; वो शहर हो फिर चाहे गाँव हो; तेरी आँखों में कभी कोई गम ना हो; बस यही दुआ है हमारी कि तेरी खुशियां कभी कम ना हों। शुभ रात्रि! |
भोर प्रभात के होते ही सृष्टि सारी निखर गयी; रात के सारी घेराबन्धी, एक पल में ही बिखर गयी; चढ़ कर आया जब सूरज ऊपर गगन में; फ़ैल गयी यह रौशनी सारे चमन में। सुप्रभात! |