मैं उससे दूर चला तो आया हूँ; मगर अभी तक उसे ना भूल पाया हूँ; जिक्र किस से करूँ तेरी वफाओं का मैं; इस अजनबी शहर में भटकता साया हूँ। |
वो जो हमारे लिए ख़ास होते हैं; जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं; चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें; पर दूर रहकर भी वो दिल के पास होते हैं। |
सभी नगमे साज़ में गाए नहीं जाते; सभी लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते; कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते; कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते। |
कुछ पल की ख़ुशी आपके साथ में थी; ऐसी कोई लकीर हमारे हाथ में होती; दूर रहकर भी आपको याद करते हैं हम; शायद कोई बहुत प्यारी सी बात हमारी मुलाक़ात में थी। |
तुम पास हो तो तुझपे प्यार आता है; तुम दूर हो तो तेरा इंतज़ार सताता है; क्या कहें इस दिल की हालत; तुझसे दूर होकर दिल बेक़रार हो जाता है। |
दूरियां ही सही पर देरी तो नहीं; इंतज़ार भला पर जुदाई तो नहीं; मिलना बिछड़ना तो किस्मत है अपनी; आखिर इंसान हैं हम फ़रिश्ते तो नहीं। |
ढलती शाम का खुला एहसास है; मेरे दिल में तेरी जगह कुछ ख़ास है; तुम दूर हो, ये मालूम है मुझे; पर दिल कहता है तू यहीं मेरे आस-पास है। |
बादल कितने खुशनसीब हैं, दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं; हम कितने बदनसीब हैं, पास रहकर भी मिलने को तरसते हैं। |
बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो; आँखों से दूर मगर दिल के पास रहते हो; मुझे बस इतना बता दो क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो! |
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं है, बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है; दोस्ती तो कुछ ख़ास आप जैसे से ही है, वरना मुलाक़ात ना जाने कितनों से होती है। |