बहुत से लोगों को इश्क़ में पिघलते देखा है; किसी को झाड़ियों में और किसी को गाड़ियों में हिलते देखा है! |
वो पेड़ ही क्या जो वक़्त के साथ बड़ा ना हो जाये; और वो चूची ही क्या जिसे देखते ही लंड खड़ा ना हो जाये! |
कुछ इस तरह इश्क़ में जिस्म और रूहें सट्ट जाती हैं; तड़प लंड की होती है और चूत फट जाती है! |
महसूस करनी थी तेरे दिल कि धड़कन ऐ ज़ालिम; यही वजह थी तेरे ब्लाउज में हाथ डालने की! |
हर पैंटी में एक राज़ होता है, हर ब्रा के खुलने का एक अंदाज़ होता है, जब तक ना लगे लंड की कोई ठोकर, हर लड़की को अपनी चूत पर नाज़ होता है! |
थोड़ा हवस भी लाजमी है इश्क़ में साहब; वरना शुद्ध इश्क को वो मर्दाना कमजोरी समझेगी! |
वो बोली, "नकाब में भी पहचान लेते हो हज़ारों में हमें खड़े-खड़े!" हमने मुस्कुरा के कहा, "आपके हैं ही इतने बड़े-बड़े!" |
अर्ज़ किया है: खुदा बचाये हमें इन हसीनों से, खुदा बचाये हमें इन हसीनो से, लेकिन इन हसीनों को कौन बचाये, हम जैसे कमीनो से। |
अपने उसूल मुझे कल यूँ भी तोड़ने पड़े; बात चूत की थी इसलिए मुझे हाथ जोड़ने पड़े! |
तीर क्यों चलाती हो, जब धार है तलवार में; चुचे क्यों दिखाती हो, जब माल है सलवार में। |