ठान लिया था अब शायरी नहीं करेंगे, उनका पिछवाड़ा देखा और अल्फ़ाज़ बगावत कर बैठे। |
सभी को खलता है मेरा बड़ा होना, गुनाह है क्या अपने आप मेरा खड़ा होना। |
इश्क मोहब्बत क्या है मुझे नही मालूम, बस उसकी याद आती है और खडा हो जाता है। |
एक बार नहीं सौ बार ये दिल टूटा; पर चोदने का शौक साला फिर भी ना छूटा। |
हम न चोद सके उन्हें, मुद्दतो तक चाहने के बाद, वो गैरो से चुद गये, चंद रस्में निभाने के बाद। |
मचल उठा था ये यौवन, तेरा हुस्न देखकर, अब ठोकने की बारी आई तो भाग गयी मादरचोद लन देखकर। |
तेरी चूत चुलबुली तेरी गांड खुली खुली, चढा दे मेरे लंड को तेरी चुत की सूली |
महसूस करनी थी तेरे दिल की धड़कन ऐ ज़ालिम, बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में हाथ डालने की। |
याद है वो सुहानी मुलाकात, पहले हाथ मिलाया फिर दिल मिले, फिर नंगे हुए और खूब हिले। |
मारना ही था तो कुछ और तरीका अपना लेती जालिम, जहर भी चटाया तो चूत पे लगाके। |