Adult and Non veg Restricted Hindi Shayari

  • नादाँ हैं वो लोग जो कहते हैं कि चूत पे बाल हैं;
    गौर फरमाएं
    नादाँ हैं वो लोग जो कहते हैं चूत पे बाल हैं;
    अरे ये तो लौड़े को फ़साने के लिए बिछाए हुए जाल हैं।
  • ठुमक ठुमक कर चलती हो क्या मार ही डालोगी;
    थोड़ी चूत हमें भी दे दो इतनी साड़ी का क्या अचार डालोगी;
    ठुमक ठुमक कर चलती हूँ मेरी चाल ही ऐसी है;
    अपनी माँ बहिन की ले ले गांडू सबकी एक ही जैसी है!
  • जब जब मैं तेरे बारे में सोचूंगा मेरे अरमान मुझे सताते रहेंगे;
    और इक सवाल हमेशा सताएगा मेरे दिल को;
    कि कब तक तुम जैसे चूतियों को हम दोस्त बनाते रहेंगे!
  • तेरे बहते अश्कों और तेरे हालातों को देख कर रोता तो बहुत है मेरा दिल;
    काश पहले कंडोम ही खरीद लेता तो आज नहीं खरीदनी पड़ती ये आई-पिल!
  • मेरे इश्क का जूनून देख ए हसीना गिले शिकवों में ना वक्त बर्बाद कर;
    क्योंकि ऐसी गांड मराई के लिए तो अभी सारी ज़िन्दगी बाकि है!
  • यूँ तो तेरी यादों के साथ रहने से हमें कोई ऐतराज़ नहीं ए हसीना;<br/>
पर हर रात तीन बार कच्छा बदलना भी कुछ असां नहीं होता!Upload to Facebook
    यूँ तो तेरी यादों के साथ रहने से हमें कोई ऐतराज़ नहीं ए हसीना;
    पर हर रात तीन बार कच्छा बदलना भी कुछ असां नहीं होता!
  • तुमने पी शराब तुम्हारी रात कट गयी;
    तुमने पी शराब तुम्हारी रात कट गयी;
    कमीनो जब मैंने दिया बिल तो मेरी गांड फट गयी!
  • देख तेरे लंड की हालत क्या हो गई है इंसान;
    उसमें बची नहीं है कोई जान;
    बूब्स दिखाये, चूत दिखाई और दिखाई गांड;
    फिर भी उठा नहीं शैतान;
    कितना लटक गया हैवान!
  • शिकवा न कर, गिला न कर;
    बस इतनी सी गुजारिश है;
    जब भी मैं तेरे में डालूं;
    बस तू हिला न कर।
  • जिसे आने में लगते हैं 15 साल;
    वाह वाह।
    सुन तो ले भोसड़ी के।
    जिसे आने में लगते हैं 15 साल;
    उसे कहते हैं 'झाट' के बाल।
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