अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने आईएएनएस से कहा, "ये काफी आसान है और ये सब इस बात पर निर्भर करता है कि एक फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कितने टिकट बेच पाती है। इसका लिंग के साथ कोई लेनादेना नहीं है..अगर दो लोग अपने काम के मामले में बराबर हैं और फिर अभिनेता की कमाई ज्यादा होती है तो ये बेवकूफी की बात है..। अगर आपकी मेहनत फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता दिलाती है तो आपकी कमाई भी बराबर ही होनी चाहिए।"
फिल्म 'मसान' में रिचा के अभिनय की काफी तारीफ की गई है और उन्होंने इस बात पर जोर डाला है कि वह शाहरुख खान और सलमान खान जैसे सुपरस्टार के साथ अपनी कमाई की तुलना नहीं कर सकतीं।
उन्होंने कहा, "मैं अपनी तुलना शाहरुख खान और सलमान खान से नहीं कर सकती हूं, वे करोड़ों की लागत वाली फिल्म करते हैं और वे फिल्म उद्योग में इस तरह का काम कर सकते हैं, इसलिए ज्यादा पैसे के हकदार हैं।"
वैसे तो रिचा ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत साल 2008 में आई फिल्म 'ओय लकी लकी ओय' से की, लेकिन उनके अभिनय को नई पहचान फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'गोलियों की रास लीला राम-लीला' से मिली।
उनका कहना है कि पहले के जमाने से ही फिल्म उद्योग में महिलाओं का किरदार काफी सशक्त रहा है फिर चाहे वह स्मिता पाटिल की 'भूमिका' हो, शबाना आजमी की 'अंकुर' हो, रेखा की 'उमराव जान' हो या फिर माधुरी दिक्षित और श्रीदेवी की फिल्में हों। सभी ने अपने आप को आगे बढ़ाया है और ये युवा अभिनेत्रियां उनकी विरासत को आगे ले जा रही हैं।"
रिचा चड्ढा 'मसान' के बाद अब अपनी अगली फिल्म 'कैबरे' तथा 'और देवदास' के लिए तैयारी कर रही हैं।